नई दिल्ली। दिल्ली में संयुक्त प्रेस वार्ता में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप शामिल हुए। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंंप और उनके डेलीगेशन का भारत में एक बार फिर हार्दिक स्वागत है। मुझे विशेष खुशी है की इस यात्रा पर वो अपने परिवार के साथ आए हैं। पिछले आठ महीनों में राष्ट्रपति ट्रंप और मेरे बीच ये पांचवी मुलाकात है। मोटेरा में राष्ट्रपति ट्रंप का कार्यक्रम हमेशा याद रखा जाएगा। यह स्पष्ट हुआ कि अमेरिका और भारत के बीच संबंध केवल दो सरकारों के बीच नहीं बल्कि लोगों पर आधारित हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यह संबंध, 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण पार्टनरशिप्स में है और इसलिए आज राष्ट्रपति ट्रंप और मैंने हमारे सम्बन्धों को कॉम्प्रिहेन्सिव ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के स्तर पर ले जाने का निर्णय लिया है। आतंक के समर्थकों को जिम्मेदार ठहराने के लिए आज हमने अपने प्रयासों को और बढ़ाने का निश्चय किया है। आज हमारे बीच ड्रग तस्करी, नार्को-आतंकवाद और संगठितत अपराध जैसी गंभीर समस्याओं के बारे में एक नए मेकैनिज्म पर भी सहमति हुई है। कुछ ही समय पहले स्थापित हमारी स्ट्रैटेजिक एनर्जी पार्टनरशिप सुदृढ़ होती जा रही है। और इस क्षेत्र में आपसी निवेश बढ़ा है। तेल और गैस के लिए अमेरिका भारत का एक बहुत महत्वपूर्ण स्त्रोत बन गया है। पीएम मोदी ने कहा कि ट्रेड डील को लेकर बातचीत पर दोनों देशों के बीच समहति बनी है। पीएम मोदी ने प्रेस वार्ता में कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत और अमरीका का सहयोग हमारे समान लोकतांत्रिक मूल्यों और उद्देश्यों पर आधारित है। विशेषकर इंडो-पासिफिक और ग्लोबल कॉमन्स में रूल बेस्ड इंटरनेशनल ऑर्डर के लिए यह सहयोग विशेष महत्व रखता है। उन्होंने आगे कहा कि इंडस्ट्री 4.0 और 21वीं सदी की अन्य उभरती टेक्नालजीज़ पर भी इंडिया-यूएस पार्टनरशिप, इनोवेशन और इंटरप्राइज के नए मुक़ाम स्थापित कर रही है। भारतीय प्रोफेशनल्स के टैलेंट ने अमरीकी कम्पनीज की टेक्नोलॉजी लीडरशिप को मजबूत किया है।
वहीं दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘मेलानिया और मैं भारत की महिमा और भारतीय लोगों की असाधारण उदारता और आदरता से विस्मित हैं। हम आपके गृह राज्य के (पीएम मोदी के) नागरिकों द्वारा किए गए शानदार स्वागत को हमेशा याद रखेंगे।’ कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद से निपटने में सहयोग करने को सहमत हुए हैं। साथ ही उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि हमने तीन अरब डॉलर के रक्षा समझौतों को अंतिम रूप दिया है। हमने 5जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी, हिंद-प्रशांत में स्थिति पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच यह बातचीत व्यापक व्यापार सौदा करने पर फोकस था।