Phenomenal six months of ‘Modi 2.0’: ‘मोदी 2.0’ के अभूतपूर्व छह माह

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के छह महीने 30 नवंबर, 2019 को बड़ी उपलब्धियों के साथ सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। छह माह की इस छोटी सी अवधि में ही ‘मोदी 2.0’ ने अनेक ऐसे ऐतिहासिक और रूपांतरकारी फैसले किए हैं जो विशेषकर गरीबों, दबे-कुचले लोगों, किसानों, महिलाओं, युवाओं, मध्यम वर्ग, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के लोगों के जीवन में व्याापक सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम हैं। यही नहीं, मोदी सरकार के सभी फैसलों का अत्यं त महत्वपूर्ण सिद्धांत और भावना ‘इंडिया फर्स्ट’ रही है।
देश की जनता से मिले मजबूत जनादेश के साथ-साथ उनके द्वारा एक बार फिर सशक्त रूप से व्यक्त किए गए अटूट विश्वास के अनुरूप ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र में भाजपा द्वारा किए गए वादों को साकार और पूरा करने में पूरे जोर-शोर से जुटी है। ‘सबका साथ-सबका विकास’ के व्यापक विजन के साथ ‘मोदी 2.0’ अपने अहम मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करने और इसके साथ ही ‘सबका विश्वास’ हासिल करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
भाजपा के अनेक प्रमुख वादे पहले ही पूरे किए जा चुके हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद 370 एवं 35ए को निरस्त किया जाना और तीन तलाक विधेयक का पारित कराना तथा मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव समाप्त कर उन्हें न्याय दिलाना है, जिनका सभी ने स्वागत किया है।
‘मोदी 2.0’ के छह माह के कार्यकाल के दौरान देशवासियों ने अयोध्या पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले को भी बड़ी उत्सुकता एवं सकारात्मरकता के साथ सुना, जिसने ‘राम जन्मभूमि’ पर एक ‘अत्यंत भव्य राम मंदिर’ के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। उल्लेखनीय है कि भाजपा और उससे संबद्ध संगठनों ने इसमें रचनात्मक भूमिका निभाई थी। वहीं, दूसरी ओर कुछ धुर राजनीतिक विरोधियों ने अयोध्या पर फैसला आने में अधिक-से-अधिक देरी कराने के लिए अपनी ओर से कोई भी कसर नहीं छोड़ी थी। जैसा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने बहुचर्चित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उल्लेख किया है, अयोध्या पर फैसला आने के बाद देशवासियों ने शांति और सौहार्द बनाए रखने की जो अनूठी मिसाल पेश की वह ‘भारतीय लोकतंत्र’ की मजबूती एवं ताकत का एक अहम प्रमाण थी।
‘एक राष्ट्र, एक ध्वज, एक संविधान’ मोदी सरकार की अभूतपूर्व पहल से एक वास्तविकता बन गया है। यह निश्चित तौर पर एक ऐतिहासिक पल था क्योंकि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा पेश किया गया विधेयक संसद में ध्वनि मत से पारित हो गया।
भारत शीघ्र ही 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए सही पथ पर मजबूती के साथ अग्रसर है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के रणनीतिक विनिवेश जैसे बड़े फैसलों और कर, श्रम एवं बैंकिंग जैसे अहम सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था निरंतर मजबूत हो रही है। कॉरपोरेट टैक्सस को मौजूदा कंपनियों के लिए घटाकर 22% और नई घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए घटाकर 15% के स्तर पर ला दिया गया है। भारत भी अब सबसे कम टैक्स दरों वाले देशों में शुमार हो गया है। इससे भारत भी अब सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक हो गया है।
बैंकिंग सेक्टर की माली हालत ठीक करने के लिए मेगा बैंक विलय का दौर अब शुरू हो गया है। इस दिशा में अहम कदम उठाते हुए बैंकिंग सेक्टर की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए 10 बैंकों का विलय कर दिया गया है। वर्ष 2019-20 के दौरान बैंकों को 70,000 करोड़ रुपए की नई पूंजी मुहैया कराई जाएगी।
मोदी सरकार ने दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत त्वरित विवाद समाधान को भी काफी बढ़ावा दिया है। इसकी बदौलत विवादों का समाधान करने और संबंधित सिस्टम को दुरुस्त करने में औसतन सिर्फ 374 दिन ही लगते रहे हैं!
भारत बड़ी तेजी से दुनिया में अपनी धाक जमा रहा है। ‘कारोबार में सुगमता’ और ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक’ जैसे विभिन्न वैश्विक सूचकांकों में भारत द्वारा कई पायदानों की जोरदार एवं आकर्षक छलांग लगाना इस तथ्य के अकाट्य प्रमाण हैं। भारत अब विश्व बैंक की ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (डीबीआर) 2019’ में 190 देशों में 63वें पायदान पर है। भारत ने 3 वर्षों में ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में 67 पायदानों की ऊंची छलांग लगाई है। इतना ही नहीं, यह वर्ष 2011 के बाद से लेकर अब तक किसी भी बड़े देश की सबसे ऊंची छलांग है। भारत में अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप परिवेश है। भारत ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक’ में वर्ष 2015 के 81वें पायदान से अत्यंैत ऊंची छलांग लगाकर वर्ष 2019 में 52वें पायदान पर पहुंच गया है। आईएमडी के ‘विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धी क्षमता सूचकांक 2019’ में भारत वर्ष 2018 के 48वें पायदान से उल्लेकखनीय छलांग लगाकर अब 44वें पायदान पर जा पहुंचा है। एक और अहम बात। डब्ल्यूईएफ के ‘ट्रैवल एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धी क्षमता सूचकांक 2019’ में भी भारत वर्ष 2015 के 52वें पायदान से आकर्षक छलांग लगाकर अब 34वें पायदान पर पहुंच गया है।
देश में किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘मोदी सरकार 2.0’ ने एक अनूठी ‘पीएम किसान योजना’ शुरू की है, जिसमें प्रति वर्ष 6000 रुपए की इनपुट (कच्चा2 माल) सहायता सभी किसानों को दी जाती है। इस योजना में अब देश के सभी 14.5 करोड़ किसानों को शामिल कर लिया गया है। सभी तरह के विवादों पर विराम लगाते हुए मोदी सरकार ने भारत में ‘राफेल’ का आगमन सुनिश्चित कर दिया है। इसके साथ ही सरकार पर झूठे आरोप लगाने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं।
मोदी जी जनता की भागीदारी में पूर्ण विश्वास रखते हैं जिसके द्वारा लोगों का नजरिया बदला जा सकता है। उन्होंने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ और लोगों द्वारा शौचालयों का उपयोग सुनिश्चित करके पहले ही इसे सही साबित कर दिखाया है। अब उन्होंने ‘एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर रोक लगाने’ का आह्वान किया है। सिर्फ 15 दिनों के संक्षिप्त अभियान के दौरान ही 13000 टन प्लास्टिक कचरा एकत्र कर लिया गया। यह निश्चित तौर पर बहुत बड़ी सफलता है। उन्होंने लोगों से ‘प्लॉंहगिंग‘ यानी जॉगिंग या टहलने के दौरान सड़कों अथवा रास्तों पर पड़े ‘पॉलीथिन’ को चुनने और फिर उनका सटीक निपटान करने की भी अपील की है। वैसे तो छह माह की अवधि अत्यंत छोटी होती है, लेकिन जब हम हालिया घटनाक्रमों पर गौर करते हैं, तो हम यही पाते हैं कि ‘मोदी सरकार 2.0’ ने इस छोटी सी अवधि में ही अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल कर ली हैं।

प्रकाश जावड़ेकर
(लेखक केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, सूचना व प्रसारण, भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री हैं)

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