गाजियाबाद। किसानों संगठनों ने शनिवार छह फरवरी को प्रस्तावित देशव्यापी चक्का जाम मेंयूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं किया जाएगा। इन दोनों राज्यों में जिला मुख्यालय पर किसान कृषि कानूनों केखिलाफ ज्ञापन सौपेंगे। इन दोनों राज्यों के लोगों को चक्का जाम में शामिल नहीं करने के पीछे स्ट्रेटजी के बारे में बताया कि दोनों जगहों पर लोगों को स्टैंडबाय में रखा गया है और उन्हें दिल्ली कभी भी बुलाया जा सकता है। यूपी-उत्तराखंड के लोगों को अपने ट्रैक्टरों में तेल-पानी डालकर तैयार रहने केलिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि अन्य सभी जगहों पर शनिवार को शांतिपूर्णढंग से चक्का जाम किया जाएगा। किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली मेंचक्का जाम नहींकरनेकी बात पर कहा कि दिल्ली में तो पहले से चक्का जाम है, इसलिए दिल्ली को इस जाम में शामिल नहीं किया गया है। हिंसा केसंबंध मेंकहा कि राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे कार्यक्रमों में कहीं हिंसा नहीं होती, कई जगहों पर हुई महापंचायतें इसका प्रमाण हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम सरकार से बात करना चाहते हैं, सरकार कहां पर है, वो हमें नहीं मिल रही। राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर सरकार द्वारा कीले लगवाई गर्इंथीं जिस पर टिकैत ने वहां मिट्टी डाली और उन्होंनेकहा कि यहां वह फूल उगाएंगे। उन्होंने कहा कि वह सभी किसानों से अपील करेंगे कि आंदोलन में हिस्सा लेने आ रहे लोग अपने खेतों में से मिट्टी साथ लेकर आएं और वापस जाते समय यहां से मिट्टी वापस लेकर जाएं और उसे अपने खेतों में मिला दें। यह मिट्टी उन्हें किसानों के संघर्ष की कहानी याद दिलाएगी। उन्होंने कहा कि यह किसान क्रांति की मिट्टी है, इसे वह गांव-गांव पहुंचाएंगे। वह युवाओं को मिट्टी से जोड़ना चाहते हैं।
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