जीव परमात्मा का अंश, इसलिए जीव में अपार शक्ति: हिमंजय महाराज Part Of Soul

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प्रवीण वालिया, करनाल:
Part Of Soul : बैंक कालोनी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन छठे दिन वृंदावन से पधारे कथावाचक हिमंजय जी महाराज ने श्रीकृष्ण एवं माता रूकमणी के विवाह का वर्णन किया। हिमंजय महाराज ने कहा कि महारास में पांच अध्याय है।

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भाव से गाने वाला भवसागर पार Part Of Soul

उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है। जो भी ठाकुर जी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। कथा में भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने कन्यादान के लाभ को प्राप्त किया। कथा के दौरान महाराज हिमंजय ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ।

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रुक्मिणी विवाह पर खूब झूमे श्रद्धालु Part Of Soul

कथा स्थल पर रुक्मिणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। श्रीकृष्ण रुकमणी की वरमाला पर जमकर फूलों की बरसात हुई। हिमंजय महाराज ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है इसलिए जीव के अंदर अपारशक्ति रहती है यदि कोई कमी रहती है वह मात्र संकल्प की होती है संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करें।

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