Parliament Budget Session: व्यवधानों के बावजूद भारत ने अपने हितों को मजबूती से दुनिया के सामने रखा

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Parliament Budget Session
लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करतीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू।

Aaj Samaj (आज समाज), Parliament Budget Session, नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र बुधवार को शुरू हो गया। यह 9 फरवरी तक चलेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सत्र की शुरुआत से पहले लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने करीब 74 मिनट के संबोधन में सरकार के विजन और देश में बीते 10 साल की अवधि में हुए कामकाज का विस्तार से जिक्र किया। अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठ कार्यक्रम, चंद्रयान, शिक्षा व आतंकवाद के अलावा देश की रक्षा, विदेश और आर्थिक नीतियों का भी जिक्र किया।

अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव दो फरवरी को

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अब धन्यवाद प्रस्ताव दो फरवरी को पेश किया जाएगा और उसी दिन से दोनों सदनों में चर्चा शुरू होगी। एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम या लेखा अनुदान बजट लोकसभा में पेश करेंगी। वहीं सात फरवरी को प्रधानमंत्री धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे।

विरासत ऐसी हो कि पीढ़ियां हमें याद करें

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने बीते एक दशक मेें वैश्विक विवादों और संघर्षों के इस दौर में भी, अपने हितों को मजबूती से दुनिया के सामने रखा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में आजादी की 100वीं वर्षगांठ को देखने के लिए अनेक साथी इस सदन में मौजूद नहीं होंगे, लेकिन हमारी विरासत ऐसी होनी चाहिए कि तब की पीढ़ी हमें याद करे।

लगातार पिछली दो तिमाही में 7.50 प्रतिशत रही विकास दर

राष्ट्रपति मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने, औपनिवेशिक आपराधिक कानूनों के स्थान पर नए कानून बनाए जाने सहित कई अन्य कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में गंभीर संकटों के बीच भारत सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है और लगातार पिछली दो तिमाही में देश की विकास दर साढ़े सात प्रतिशत रही।

‘आदतन हुड़दंगी’ हो गया है कुछ लोगों का स्वभाव : मोदी

पीएम मोदी ने बुधवार को सत्र से पहले सदन के बाहर मीडिया से कहा, इस साल जिसे जो रास्ता सूझा, उस प्रकार से संसद में सबने अपना-अपना कार्य किया। उन्होंने कहा, मैं इतना जरूर कहूंगा कि कुछ लोगों का स्वभाव ‘आदतन हुड़दंगी’ हो गया है। कुछ लोग आदतन लोकतांत्रिक मूल्यों का चीरहरण करते हैं और ऐसे सभी माननीय सांसद आज आखिरी सत्र में जरूर आत्मनिरीक्षण करें कि 10 साल में उन्होंने क्या किया।

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