गेंहूं के अवशेष जलाने से जमीन की उर्वक शक्ति कमजोर होगी जिससे पैदावार भी कम होगी : बीएओ

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Panipat News/The burning of wheat residues will weaken the fertility of the land which will reduce the yield: BAO
Panipat News/The burning of wheat residues will weaken the fertility of the land which will reduce the yield: BAO
Aaj Samaj (आज समाज) पानीपत : गेहूं के अवशेष जलाने से जमीन की उर्वक शक्ति कम होती है। क्योंकि आग से जमीन के लाभदायक बैक्टीरिया मर जाते है। जमीन कमजोर होने पर फसल की पैदावार भी कम होगी। इसलिए गेहूं के अवशेष में आग ना लगाकर उसकी सिंचाई करके जुताई कर उन्हें मिट्टी में मिला दे। इससे जमीन उपजाऊ होगी। उक्त विचार खण्ड कृषि अधिकारी बिजेन्द्र जागलान ने मतलौडा कृषि कार्यालय में किसान गोष्ठी के दौरान व्यक्त किए।

मीन मजबूत होगी और पैदावार में इजाफा होगा

उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति गेहूं के अवशेष जलाता है तो दो हजार रुपए प्रति एकड़ जुर्माना लगाया जाएगा और मुकदमा दर्ज किया जाएगा। जिसमें किसान को 6 महिने तक की सजा का प्रावधान है। आग लगाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए रिवैन्यु विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटियां लगाई हुई है। गावों में मुनियादी की हुई है। उन्होंने कहा कि फसलो में यूरिया का प्रयोग कम करने के लिए डैंचा व मुंग की बिजाई कर हरी खाद के रूप में इस्तेमाल करे। इससे जमीन मजबूत होगी और पैदावार में इजाफा होगा। उन्होने कहा कि डैंचा का बीज 80 प्रतिशत सब्सिड़ी पर लेने के लिए 15 मई तक ऑनलाईन अप्लाई कर सकते है।
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