National Level Conference at IB PG College : आईबी पीजी कॉलेज में एक दिवसीय राष्ट्र स्तरीय सम्मेलन का आयोजन 

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Panipat News/National Level Conference at IB PG College
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Aaj Samaj (आज समाज),National Level Conference at IB PG College, पानीपत : जीटी रोड स्थित आईबी पीजी कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग, आइक्यूएसी एवं आरडीसी के संयुक्त तत्वावधान में उच्च शिक्षा विभाग पंचकूला, हरियाणा द्वारा मान्यता प्राप्त एक दिवसीय राष्ट्र स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का विषय “शहीद भगत सिंह: समकालीन समय में विचारों की प्रासंगिकता” रहा, जिसमें लगभग 90 शोधार्थियों ने अपने शोध- पत्र प्रस्तुत किए। यह सम्मेलन ऑफलाइन एवं ऑनलाइन माध्यम द्वारा करवाया गया।

अतिथियों का फूलो के द्वारा स्वागत किया

इस सम्मेलन का शुभारंभ महाविद्यालय की प्रबंध समिति के प्रधान धर्मबीर बत्रा, उप-प्रधान बलराम नंदवानी, महासचिव लक्ष्मी नारायण मिगलानी, प्रबंध समिति के सदस्य परमवीर धींगरा, प्राचार्य डॉ. अजय कुमार गर्ग, उप-प्रधानाचार्या प्रो.रंजना शर्मा, आईवीएसी समन्वयक डॉ. मोहम्मद ईशाक, डॉ चमन लाल (पूर्व प्रोफेसर, जेएनयू) प्रो. कुशल पाल (विभागाध्यक्ष दयाल सिंह महाविद्यालय, करनाल) डॉ.रामेश्वर दास, डॉ. किरण मदान, डॉ.पूनम मदान आदि द्वारा दीप प्रज्जवलित करके व मां सरस्वती वंदना के साथ किया गया। इस सम्मेलन के शुभारंभ में प्राचार्य डॉ अजय कुमार गर्ग ने अतिथियों का फूलो के द्वारा स्वागत किया गया।

 

Panipat News/National Level Conference at IB PG College
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भगत सिंह क्रांतिकारी देशभक्त ही नहीं, बल्कि एक अध्ययनशील विचारक भी थे

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रबंध समिति के प्रधान धर्मबीर बत्रा ने कहा कि सम्मेलनों का उपयोग लोगों को एक साथ लाने और किसी विशिष्ट विषय से संबंधित मुद्दों और विचारों पर चर्चा करने के लिए किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा महाविद्यालय अध्यापन अनुसंधान विधाओं की ओर बढ़ता जा रहा है और इसी के तहत हमारा महाविद्यालय समय-समय पर अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर सम्मेलन करवा कर शोधार्थियों व अध्यापकों को अनुसंधान के लिए प्रेरित कर रहा है। इस सम्मेलन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार गर्ग ने कहा कि भगत सिंह महज क्रांतिकारी देशभक्त ही नहीं, बल्कि एक अध्ययनशील विचारक, दार्शनिक, चिंतक, लेखक, पत्रकार भी थे।

भगत सिंह की जीवनी पर प्रकाश डाला

विभागाध्यक्षा डॉ. किरण मदान ने कहा कि भगत सिंह ने एक ऐसी दुनिया की कल्पना की थी, जहाँ सभी व्यक्ति को एक समान समझा जाए। उन्होंने दृढ़ता से माना कि जब तक काले और गोरे, सभ्य और असभ्य, अमीर और गरीब, छूत-अछूत आदि जैसे शब्द प्रचलित हैं, तब तक सार्वभौमिक भाईचारे की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती है। सम्मेलन की सह -संयोजिका डॉ. पूनम मदान ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस सम्मेलन के उदघाटन सत्र के अध्यक्ष एवं मुख्य वक्ता डॉ. चमन लाल (पूर्व प्रोफेसर, जेएनयू , दिल्ली) ने भगत सिंह की जीवनी पर प्रकाश डाला।

अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं शॉल देकर सम्मानित किया

सम्मेलन के तकनीकी एवं परिपूर्ण सत्र के स्पीकर डॉ. कुशल पाल (राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष, दयाल सिंह महाविद्यालय, करनाल ) ने कहा कि भगत सिंह ने अपने अनेक लेखों व वक्तव्यों में साम्राज्यवाद के दमनकारी चरित्र के बारे में चर्चा की है। उनके अनुसार साम्राज्यवाद मनुष्य के हाथों मनुष्य के और राष्ट्र के हाथों राष्ट्र के शोषण का आधार है। साम्राज्यवादी अपने हितों को पूरा करने के लिए न सिर्फ न्यायालयों एवं कानूनों की अनदेखी करते हैं, बल्कि युद्ध तक की स्थिति उत्पन्न कर देते हैं। इस सम्मेलन के तकनीकी एवं परिपूर्ण सत्र के अध्यक्ष डॉ. विकास सभरवाल एवं सह- अध्यक्ष डॉ. बलराम शर्मा रहे। इस सम्मेलन के समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. राम पाल सैनी (प्राचार्य,डीएवी महाविद्यालय, करनाल) ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। मंच का संचालन प्रो. खुशबू, प्रो.रेखा शर्मा, प्रो. राहुल के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में सह- संयोजिका डॉ. पूनम मदान ने सभी का धन्यवाद किया और कहा कि हम आगे भी इस तरह के राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन आयोजित करते रहेंगे। अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं शॉल देकर सम्मानित किया गया।
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