आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत : करवाचौथ पति-पत्नी के आपसी प्रेम और समर्पण का महापर्व है। करवा चौथ के दिन बिना कुछ खाए-पिए निर्जला व्रत रखने का महत्व होता है। सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु, सुखी जीवन, सौभाग्य और समृद्धि की कामना के लिए दिनभर उपवास रखते हुए रात के समय चंद्रमा के दर्शन कर व्रत तोड़ती हैं। पानीपत में अपना पहला करवाचौथ मनाते राघव छाबड़ा व सृष्टि ए छाबड़ा।
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