आनंद उत्सव में हुई आनंद की अनुभूति :कुसुम धीमान

0
193
Panipat News/Feeling of joy in Anand Utsav : Kusum Dhiman
Panipat News/Feeling of joy in Anand Utsav : Kusum Dhiman
आज समाज डिजिटल, Panipat News :
पानीपत। आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के संस्थापक परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी ने 13 अगस्त से 21 अगस्त तक आनंद उत्सव कार्यक्रम का आवाहन किया जिसके अंतर्गत संपूर्ण भारत के विभिन्न स्थानों पर आनंद उत्सव के अंतर्गत हैप्पीनेस कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। हरियाणा स्टेट मीडिया कोऑर्डिनेटर व फैकल्टी कुसुम धीमान द्वारा यह जानकारी देते हुए बताया गया कि इसी कड़ी में पानीपत आर्ट आफ लिविंग परिवार द्वारा भी विभिन्न स्थानों पर हैप्पीनेस कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रतिभागियों को योगा, प्राणायाम, मेडिटेशन करवाने के साथ-साथ कोर्स का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सुदर्शन क्रिया सिखाई गई।

ज्ञान प्राप्त करने के लिए किताबें पढ़ते रहना चाहिए

सुदर्शन क्रिया सांसो की लयबद्ध प्रक्रिया है जो शरीर व मन को सुदृढ़ बनाने के साथ-साथ तनाव मुक्त व चिंता रहित जीवन व्यतीत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैl कार्यक्रम के अंतिम दिन वेबकास्ट द्वारा परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी द्वारा प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहां गया कि सब लोग चिंता छोड़ दें और प्रसन्न रहें। उन्होंने कहा कि पानी बहता रहे तो स्वच्छ रहता है इसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति को भी ज्ञान प्राप्त करते रहना चाहिए और ज्ञान प्राप्त करने के लिए किताबें पढ़ते रहना चाहिए। गुस्से को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने निरंतर प्राणायाम व मेडिटेशन का अभ्यास करते रहने के लिए प्रेरित किया।

शिक्षकों व स्वयं सेवकों का सराहनीय योगदान रहा

एक प्रतिभागी द्वारा यह पूछे जाने पर कि आत्महत्या का विचार यदि मन में आए तो क्या करना चाहिए, जिसका उत्तर देते हुए गुरुदेव ने कहा कि उन्हें गुरु की शरण में जाना चाहिए व एडवांस कोर्स करना चाहिए गुरुदेव ने अंत में संदेश देते हुए कहा कि सभी टीचर्स, वॉलिंटियर्स जो लोग सुदर्शन क्रिया कर चुके हैं, उन्हें निरंतर क्रिया करते रहने के लिए प्रेरित करें। कार्यक्रम के अंत में गुरुदेव ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया व सदा खुश रहने का संदेश दिया। आनंद उत्सव के दौरान पानीपत में आयोजित किए गए। विभिन्न हैप्पीनेस कार्यक्रमों में पानीपत आर्ट ऑफ लिविंग शिक्षकों व स्वयं सेवकों का सराहनीय योगदान रहा।
SHARE