पानीपत सरल केंद्र में बढ़ रहा भ्रष्टाचार

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Panipat News/Corruption on the rise in Saral Kendra
Panipat News/Corruption on the rise in Saral Kendra
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। जिले के लघु सचिवालय स्थित सरल केंद्र में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। बार बार शिकायतें, वीडियो वायरल होने, सबूत सामने आने के साथ ही टीमों की छापेमारी के बाद भी यहां दलालों और भ्रष्ट कर्मचारियों पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा है। इससे वह तमाम अधिकारी भी अब संदेह के घेरे में आने लगे हैं, जिनकी इनके प्रति जिम्मेदारी एवं जवाबदेही है। कुछ पत्रकारों की एक विषय टीम बुधवार को आम नागरिक बनकर सरल केंद्र पहुंची। जहां देखा कि हमेशा से चला आ रहा स्टॉल टेस्ट (ड्राइविंग लाइसेंस के लिए लिया जाने वाला ऑनलाइन टेस्ट) पर दलालों और कर्मचारियों का खेल आज भी ज्यों का त्यों बना हुआ है। व्यवस्था तो बदलनी दूर की बात है, यहां तो पहले से भी ज्यादा भ्रष्टाचार चल रहा है।

दलालों के जरिए आने वालों को सीधे अंदर एंट्री

सरल केंद्र में सिस्टम बनाया हुआ है कि भले ही कितनी भी संख्या आए, हर किसी को बाहर से टोकन मिलेगा। इसके बाद अंदर नंबर आने पर ही प्रवेश मिलेगा। हैरानी की बात है कि टोकन तो दिए जा रहे हैं, मगर जो दलालों के माध्यम से आते हैं, उन्हें सीधा अंदर एंट्री दी जाती है। जहां ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट होते हैं, वहां लाइन लगाकर लोग खड़े हुए थे। जबकि इस सीट पर सबसे ज्यादा प्राइवेसी होनी चाहिए। ये सब लोग दलालों के माध्यम से आए हुए होते हैं, जिनके टेस्ट पास करने होते हैं।

कुछ परीक्षार्थियों की फाइलों में कमी थी

हरेक परीक्षार्थी की बारी आने पर टेस्ट ले रही महिला कर्मचारी के पास एक कॉल आ रही थी, जिसके बाद उसे अटेंड किया जा रहा था। कुछ परीक्षार्थियों की फाइलों में कमी थी। जैसे फाइल स्कूटनी नहीं हुई थी। स्टॉल टेस्ट ले रही कर्मचारी ने कहा कि वह पहले इसे स्कूटनी करवा लाए। जब कैंडिडेट वहां से बाहर आया, तो करीब 5 मिनट बाद ही वह वापस टेस्ट वाली विंडो पर लौट आया। अब वह अकेला नहीं था, उसके साथ दलाल भी था। दलाल ने कर्मचारी को इशारा किया कि यह उसका ग्राहक है। इशारा पाते ही विंडो पर बैठी महिला कर्मचारी ने ग्राहक का टेस्ट भी करवा दिया और उसे बिना किसी डर के पास भी कर दिया।

पैसा टेस्ट लेने वाले से लेकर ऊपर तक जाता है

मौके पर खड़े एक युवक से हमारी टीम ने बातचीत की। बातचीत के दौरान युवक ने बताया कि वह किसी सोनू नाम के दलाल के माध्यम से टेस्ट देने आया है। उसने फोर व्हीकल के लाइसेंस के लिए अप्लाई किया है। जिसके लिए सोनू ने उससे 5500 रुपए लिए हैं। क्योंकि सोनू का कहना था कि यह पैसा टेस्ट लेने वाले से लेकर ऊपर तक जाता है। सभी को थोड़ा-थोड़ा पैसा जाता है। वहीं, युवक ने यह भी बताया कि वह काबड़ी रोड से आया है। उसके दोस्तों ने भी इसी तरह लाइसेंस बनवाया है। मगर, उनसे 1000 और 2000 रुपए लिए थे।

मची खलबली

युवक से बातचीत करते हुए कर्मचारियों ने टीम को देखा तो उन्हें पत्रकार होने का शक हो गया। इसके बाद वहां खलबली मच गई। कुछ देर के लिए टेस्ट छोड़कर सीट से महिला कर्मचारी समेत अन्य उठकर इधर-उधर टहलने लगे। मगर, जब देखा कि टीम वहां से नहीं जा रही है, तो उन्होंने दूसरे हथकंडे आजमाने शुरू किए। उन्होंने सिफारिश करवाने के लिए फोन करवाने शुरू किए। हैरत की बात यह है कि सिफारिश के दौरान वहां एक ब्रांच का क्लर्क खुद आ गया और कहने लगा कि क्यों किसी के पेट पर लात मार रहे हो। आप अपना काम बताइए। जब टीम किसी भी तरह नहीं मानी। तो कर्मचारियों ने आपस में बातचीत करनी शुरू की। दरअसल, कर्मचारी आपस में कह रहे थे कि उनकी पहले भी इस तरह की अनेकों वीडियो बन चुकी हैं। हर बार मुद्दा 2 दिन उछलता है, फिर ठंडा हो जाता है और ठंडा हो भी क्यों न, आखिर ऊपर तक की सेटिंग जो है।

होगी सख्त कार्रवाई : डीसी

डीसी सुशील सारवान ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं था। पहले संज्ञान में आया था, तभी कार्रवाई करते हुए फेरबदल किया गया था। अब इस भ्रष्ट सिस्टम पर कड़ा प्रहार किया जाएगा। भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। संबंधित कर्मचारियों समेत इंचार्ज से भी जवाबतलबी की जाएगी।
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