औद्योगिक नगरी में कोयला संचालित उद्योग बंद 

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Panipat News/Coal powered industries closed in industrial city Panipat
Panipat News/Coal powered industries closed in industrial city Panipat
  • एक अक्टूबर से नियम लागू हो गया है
  • नियमों की अवहेलना हुई तो उद्योग होंगे सील
  • 1 करोड़ का जुर्माना और जुर्माना न भरने पर 5 साल तक की सजा का प्रावधान
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। औद्योगिक नगरी में कोयला संचालित उद्योग बंद हो जाने से जहां उद्योगों पर संकट छा गया है, वहीं लाखों की तादाद में श्रमिकों के लिए दो जून की रोटी के लाले पड़ते नज़र आ रहे हैं। वहीं सख्त हिदायत है कि नियमों की अवहेलना हुई तो उद्योग तो सील होंगे ही, 1 करोड़ का जुर्माना और जुर्माना न भरने पर 5 साल तक की सजा का प्रावधान है।

बड़ी रणनीति तैयार करने में भी जुटे उद्योगपति

वहीं सख्तियों व तमाम पाबंदियों के चलते पानीपत के उद्योगपतियों ने भले ही अपने कोयला संचालित उद्योग बंद तो जरूर कर दिए हैं। लेकिन वहीं एक बड़ी रणनीति तैयार करने में भी जुटे हुए हैं। उद्योगपतियों का कहना है कि वातावरण प्रदूषण पर प्रत्येक वर्ष सरकार और संबंधित विभाग को सुप्रीम कोर्ट की फटकार लगती है। इस बार फटकार से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है। सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में बताएगी कि वातावरण प्रदूषण को रोकने के लिए उन्होंने कोयला संचालित उद्योग बंद कर दिए हैं। पानीपत डायर्स एसोसिएशन प्रधान भीम राणा का कहना है कि एक-दो दिन में पानीपत समेत एनसीआर के सभी उद्योगपतियों की बड़ी मीटिंग होगी, जिसमें संभवत: विरोध प्रदर्शन, ससंद घेराव समेत कई फैसले लिए जा सकते हैं।

बायोमास से उद्योगों को चलाने की 31 दिसंबर तक छूट दी गई है

जिन क्षेत्रों में पीएनजी की आपूर्ति शुरू हो चुकी है। उन क्षेत्रों में कोयला आधारित उद्योग नहीं चलेंगे। पानीपत में सेक्टर-25 पार्ट-1 और 2 के साथ सेक्टर-29 पार्ट-1 और 2 सहित कुराड़ में पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस ) की आपूर्ति शुरू हो चुकी है। जिन क्षेत्रों में पीएनजी की आपूर्ति शुरू नहीं हुआ है, उनमें बायोमास से उद्योगों को चलाने की 31 दिसंबर तक छूट दी गई है। कोयले पर आधारित उद्योग कहीं नहीं चलने दिए जाएंगे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, चिमनी का एमिशन 80 मिली ग्राम प्रति मीटर क्यूब होना चाहिए। इससे अधिक होने पर उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। पहले 80 मिली ग्राम प्रति मीटर क्यूब तक चिमनी का एमिशन मान्य था। उद्यमियों की मानें तो 1.25 करोड़ का इंस्ट्रूमेंट लगाकर भी 200 मिली ग्राम प्रति मीटर क्यूब का स्तर आता है।

650 से अधिक उद्योग बंद, 7 लाख श्रमिक प्रभावित

करीब 650 से अधिक उद्योग बंद हो गए हैं। वहीं तकरीबन 7 लाख श्रमिक प्रभावित हो रहे है। निर्यातक उद्योगों के साथ-साथ घरेलू उद्योग भी प्रभावित होगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कमलजीत ने बताया कि पहला कदम उद्योगों को पीएनजी पर चलवाना है। एक अक्टूबर से यह नियम लागू हो गया है। पानीपत में अब तक 48 उद्योगों ने पीएनजी के कनेक्शन लिए हैं। आज से बॉयलर उद्योगों को पीएनजी व बायोमास ईंधन के रूप में प्रयोग करना है। सेक्टर-29 सेक्टर-29 पार्ट-1 और 2 में स्थित उद्योगों का 3 माह तक का सी क्यू एम कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग ने 650 उद्योगों का निरीक्षण कर डाटा तैयार किया है। इन उद्योगों में बायलर की कितनी क्षमता वाला और कौन-सा ईंधन यूज किया जा रहा है, देखा व परखा गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी विनय उपाध्याय के नेतृत्व में टीम ने 3 माह में उद्योगों का डाटा तैयार कर लिया है।
डाइंग प्रिटिंग उद्योगों पर बंदी की तलवार लटक गई
औद्योगिक सेक्टर-29 पार्ट एक और दो में पीएनजी (पाइप्ड नेचुरेल गैस) की आपूर्ति अडानी आईओसीएल दे रहा है। इन सेक्टरों में पीएनजी लाइन होने के बावजूद भी कुल 48 उद्योगों ने ही सप्लाई का कनेक्शन लिया है। सबसे बड़ा पेंच यही है। महंगा ईंधन होने के कारण उद्यमी कनेक्शन नहीं ले रहे। इन सेक्टरों में कनेक्शन होने के कारण अन्य क्षेत्र में अडानी लाइन नहीं बिछा पा रहा है। अब उद्योगों में घबराहट बनी हुई है। एक तरफ तो मार्केट में मंदी है। निर्यातकों के पास ऑर्डर 50-60 प्रतिशत कम है। हालांकि एयर क्वालिटी इंडेक्स PM 10 का स्तर यदि 200 से ऊपर होता है, तभी नियम लागू होगा, अन्यथा नहीं। पानीपत का वायु गुणवत्ता का स्तर फिलहाल 120-25 चला रहा है। 200 से ऊपर जाने पर खतरा है।दूसरी तरफ डाइंग प्रिटिंग उद्योगों पर बंदी की तलवार लटक गई है। उद्यमी अपनी इस समस्या को लेकर सी क्यू एम की चेयरमैन एम एम कुट्टी से मिल चुके हैं, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। एक अक्टूबर से नियम लागू हो गया है।
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