आज समाज डिजिटल, Panipat News:
पानीपत। बालश्रम हमारे समाज के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। बालश्रम से बच्चों का बचपन जिम्मेदारियों के बोझ तले दबता जाता है, इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाना वर्तमान समय की जरूरत है। जिला उपायुक्त सुशील सारवान ने जिला के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि सरकार और प्रशासन बालश्रम को रोकने के लिए उचित कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और हमारे ग्रंथों में इतना तक कहा गया है कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं इसलिए हम सभी को बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौटाने के लिए पूरी प्रतिबद्घता से कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाल श्रम की रोकथाम हम सभी को मिलकर करनी होगी।
जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण प्रयास करना हमारा नैतिक कर्तव्य
डीसी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा जागरूकता पैदा करने के लिए बालश्रम निषेध दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत की गई है। बालश्रम गरीबी और बढ़ाता है। बालश्रम रोजगार नहीं देता, व्यस्कों की बेरोजगारी बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि 1986 में बालश्रम निषेध और नियम अधिनियम पारित किया गया। इस अधिनियम के तहत 14 वर्ष से उम्र के बच्चों से श्रम कराना गैर-कानूनी काम करार दिया गया है। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण परिषद के लिए बाल कल्याण सर्वाेपरि है और ऐसे में बालश्रम को रोकने के लिए जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण प्रयास करना हमारा नैतिक कर्तव्य भी बनता है।
बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया जाएगा
इसके लिए सरकार, प्रशासन, स्वयंसेवी संस्थाएं, बुद्विजीवी लोंगों का सहयोग लिया जाएगा और बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बालश्रम को जड़ से खत्म करने के लिए सभी को मिलकर संकल्प लेना होगा कि सभी मिलकर बच्चों के बचपन को बचाएंगे और उन्हें शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने आमजन का आह्वान किया है कि अगर जिला में कोई मालिक या दुकानदार बालश्रम को बढ़ावा देते हैं, तो इसकी सूचना तुरंत जिला उपायुक्त कार्यालय में देना सुनिश्चित करें।