पलवल को वर्ष 2025 तक टी.बी. मुक्त करने का लक्ष्य: उपायुक्त कृष्ण कुमार

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Palwal will be given TB till the year 2025. aim to free

6 से 8 महीने का पूर्ण इलाज तथा जांच निशुल्क उपलब्ध

सिविल सर्जन ब्रहमदीप सिंह ने बताए  टी.बी. से बचने के उपाय

आज समाज डिजिटल,पलवल:
उपायुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा पलवल जिले को वर्ष 2025 तक टी.बी. मुक्त बनाने का अभियान चलाया जा रहा है, टी.बी. हारेगा, देश जीतेगा। अगर टी.बी. का इलाज समय से ना हो तो टी.बी. की बीमारी जानलेवा बन सकती है। टेस्ट में टीबी पाए जाने पर तुरंत जिला अस्पताल टीबी विभाग में आकर टीबी की जांच अवश्यक करवाएं। उन्होंने बताया कि 6 से 8 महीने का पूर्ण इलाज तथा जांच निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि  नि:क्षय पोषण योजना में सरकार द्वारा टी.बी. के मरीज को प्रति माह 500 रूपये दिए जाते है। जिसके लिए मरीज को अपने नाम का बैंक खाता नम्बर तथा आई.डी. सम्बंधित स्वास्थ्य संस्था में जमा करवाना होता है।सिविल सर्जन ब्रहमदीप सिंह ने टी.बी. के लक्षण, टी.बी. से बचने के उपाय क्या है तथा टी.बी. का इलाज कैसे करवाएं आदि के बारे में विस्तार से बताया।
टी.बी. के लक्षण
डा. ब्रहमदीप ने बताया कि दो हफ्ते से ज्यादा की खांसी, बुखार (जो खास तौर पर शाम को बढ़ता है), छाती में तेज दर्द, वजन का अचानक घटना, भूख में कमी आना, बलगम के साथ खून का आना, सांस लेने में तकलीफ, थकावट व रात में पसीना आना, कमर की हड्डी में सूजन, घुटनों में दर्द, गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना आदि टी.बी. के लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि टी.बी. शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है, जैसे फेफड़े में, आँतों में, दिमाग में, गांठों में तथा हड्डी में आदि में।
टी.बी. से बचने के उपाय क्या है
सिविल सर्जन ने टी.बी. से बचने के उपायों के बारे में बताया कि रोगी को खांसते-छींकते समय मुंह ढक कर खांसना चाहिए, इधर-उधर खुले में न थूकें, खांसते समय रोगी के सामने ना बैठे, अल्कोहल या धूम्रपान से बचे, पूर्ण इलाज करवाएं, नवजात शिशु को एक माह के अंदर बीसीजी का टीका लगवाएं, रोगी की कोई भी वस्तु स्वस्थ व्यक्ति प्रयोग में (जैसे झूठा खाना, कपड़े तथा अन्य)ना लाएं।
  1. टी.बी. का इलाज कैसे करवाएं
सिविल सर्जन ने बताया कि मरीज टी.बी. का टैस्ट करवाएं और टैस्ट में टीबी पाए जाने पर तुरंत जिला अस्पताल टीबी विभाग में जाकर टीबी की उपचार करवाएं। उन्होंने बताया कि 6 से 8 महीने का पूर्ण इलाज तथा जांच निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि दवाई बीच में रोकने पर टी.बी. की बीमारी लाइलाज हो सकती है इसे नजरअदांज न करे।
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