- पारम्परिक उत्पादों का प्रदर्शन कर विपणन करें ग्रामीणः कुलपति प्रो. नवीन कुमार
- समुदायों को सशक्त बनाने के लिए सहयोगात्मक ग्राम ग्रहण कार्यक्रम की शुरुआत
- निफ्टम-के और कृषि विश्वविद्यालय मिलकर करेंगे ग्रामीण विकास, उद्यमिता और सामाजिक कल्याण
(Palampur News) आज समाज-पालमपुर। चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर (Chaudhary Sarwan Kumar Himachal Pradesh Agricultural University Palampur) और राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान, कुंडली (निफ्टम-के) हरियाणा (National Institute of Food Technology Entrepreneurship and Management, Kundli (NIFTM-K) Haryana) ने संयुक्त तौर पर समाज के विभिन्न समुदायों को सशक्त बनाने के लिए सहयोगात्मक गांव ग्रहण कार्यक्रम की शुरूआत की।
कुलपति प्रो. नवीन कुमार (Vice Chancellor Prof. Naveen Kumar) ने कार्यक्रम को लेकर बताया कि गांव ग्रहण कार्यक्रम के अंतगर्त नगर निगम पालमपुर (mc palamprur) और मैझा (menjha) गांव को लिया गया है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय की उन्नत भारत अभियान के तहत है, जिसमें विश्वविद्यालय में उन्नत भारत अभियान की नोडल अधिकारी डा. अंजू कपूर एवं निफ्टम, कुंडली, हरियाणा से खाद्य प्रौद्योगिकी और प्रबंधन में स्नातक और स्नातकोत्तर के 19 विद्यार्थियों और उनके विभागाध्यक्ष डा. रजनी चोपड़ा व सहायक प्राध्यापक डा. नीतिन कुमार द्वारा इस कार्यक्रम में मदद की जा रहीं है।
नोडल अधिकारी अंजू कपूर ने बताया कि 10 दिवसीय कार्यक्रम में गोद लिए गए वार्डों और मेहंजा गांव में आयोजित विभिन्न जागरूकता अभियान और कार्यशालाओं के दौरान स्वच्छता, स्वास्थ्य, पैकेजिंग और लेबलिंग, खाद्य सुरक्षा और नशीली दवाओं की लत पर केंद्रित विषयों के तहत ग्रामीणों को प्रशिक्षित किया गया। खाद्य मिलावट का पता लगाने के लिए सरल घरेलू तरीकों को सिखाने के लिए प्रदर्शन आयोजित किए गए थे। टीम ने इस दौरान कई स्वयं सहायता समूहों के साथ काम किया, जहां निफ्टम के छात्रों ने स्थानीय उपज के लिए संरक्षण तकनीकों का प्रदर्शन किया, जिसमें जैम, चटनी और नींबू पानी जैसे पदार्थ बनाना शामिल था।
टीम ने सीएसआईआर-आईएचबीटी (csir-ihbt) में पायलट प्लांट सुविधाओं का भी दौरा किया, जहां वैज्ञानिक (खाद्य प्रौद्योगिकी) डॉ. अशोक पथेरा ने आईएचबीटी के अधिदेश का अवलोकन प्रदान किया। वीएपी टीम ने महिलाओं को अपने नवोदित उद्यमों को औपचारिक रूप देने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरणऔर वस्तु एवं सेवा कर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
छात्रों ने क्षेत्र की परंपराओं और संस्कृति के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त की, स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया और पहाड़ी महिलाओं के आतिथ्य की सराहना की।
निष्क्रिय स्वयं सहायता समूहों और सफल स्वयं सहायता समूहों सदस्यों के बीच एक संवाद आयोजित किया गया, जिसमें सीरा, बड़ियां, शक्कर पारे, बेडविन रोटी, लेमनग्रास चाय, बबरू, सेपू बड़ी, बांस की टहनियों का अचार, दुडूंज की चाट और टोफू (सोया पनीर) जैसे पारंपरिक उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम की प्रमुख उपलब्धियों में अन्नपूर्णा समूह के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) (fssai) लाइसेंस प्राप्त करना, ‘‘हिमाचली फूडी क्वीन‘‘ ब्रांड के लिए पोषण लेबल बनाना, अचार के लिए बाजार सर्वेक्षण करना, पारंपरिक व्यंजनों का संकलन करना और जागरूकता अभियान आयोजित करना शामिल है।
इसके अतिरिक्त सरकारी हाई स्कूल मेहंजा में स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता अभियान और सरकारी गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल पालमपुर में नशा मुक्ति नुक्कड़ नाटक जैसी गतिविधियों ने महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डाला
नोडल अधिकारी डा. अंजू कपूर ने बताया कि कार्यक्रम का उद्घाटन पालमपुर में नगर निगम कार्यालय में हुआ, जिसमें आयुक्त डॉ. आशीष शर्मा के साथ एक विस्तृत कार्य योजना पर चर्चा की गई। टीम ने नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त विकास शर्मा से भी मुलाकात की। निफ्टम के छात्रों ने कृषि विश्वविद्यालय में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय का दौरा करते हुए बी.टेक खाद्य प्रौद्योगिकी के अंतिम वर्ष के छात्रों के साथ बातचीत की।
एसडीएम पालमपुर नेत्रा मेती ने भी सामाजिक कल्याण के लिए की गई पहलों को आगे बढ़ाने में निफ्टम और हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की।