चार दिन में लगभग 10 फीसदी की गिरावट
Business News (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जैसे ही पाकिस्तान के साथ सिंधू जल संधि को तुरंत रद करने की अधिसूचना जारी की तो पाकिस्तान पूरी तरह से बौखला गया। पाकिस्तान के बड़े नेताओं ने कहा कि यदि भारत ने पाकिस्तान का पानी रोका तो मजबूरन उसे युद्ध का सहारा लेना पड़ेगा। इसके कुछ ही दिन बाद पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना पर अकारण गोलीबारी शुरू कर दी। जबाव में भारतीय सेना ने आॅपरेशन सिंदूर का आगाज करते हुए पाकिस्तानी जमीन पर चल रहे आतंकी शिविरों को ध्वस्त किया। जिसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष शुरू हो गया।
आर्थिक मोर्चे पर जूझ रहे पाकिस्तान के पास नही विकल्प
भारत की तरफ से की गई जवाबी कार्रवाई ‘आॅपरेशन सिंदूर’ के का असर पाकिस्तान के शेयर बाजार पर पड़ रहा है। शुक्रवार को कारोबार की शरुआत के बाद कराची स्टॉक एक्सचेंज में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। पाकिस्तानी शहरों में ड्रोन हमलों की खबरों के बाद दहशत के माहौल में 7.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। गौरतलब है कि पाकिस्तानी शेयर बाजार चार दिन में 10 फीसदी के करीब टूटा है। आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान का कराची स्टॉक एक्सचेंज यानी केएसई-100 इंडेक्स चार दिन में 9.84 फीसदी गिर चुका है। बृहस्पतिवार को 6.3 फीसदी टूटा, जबकि बुधवार को भी दिन के कारोबार में कराची शेयर बाजार 6 फीसदी से ज्यादा टूटा था।
एक दिन पहले भी 6000 से ज्यादा अंकों की गिरावट
पाकिस्तान के शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट का दौर बृहस्पतिवार को भी जारी रहा था। गुरुवार को पाकिस्तान के शेयर बाजार में छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई और एक घंटे के लिए कारोबार रोकना पड़ा था। केएसई100 सूचकांक कारोबार रोके जाने से पहले 6,948.73 अंक यानी 6.32 प्रतिशत गिरकर 1,03,060.30 अंक पर आ गया था।
पाकिस्तानी निवेशकों में घबराहट
पाकिस्तान के आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि कई तरह के आर्थिक संकट से जूझ रहे देश के लिए युद्ध का सामना करने हालत नहीं है। यही कारण है कि आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब हो सकती है क्योंकि भू-राजनीतिक स्थिति के कारण निवेशक घबरा रहे हैं। कोई भी निश्चित नहीं है कि क्या होगा और पाकिस्तान भारत की आक्रामकता का जवाब कैसे देगा और देगा भी या नहीं। सूचकांक में गिरावट का मुख्य कारण सीमेंट, ऊर्जा, बैंक और प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख शेयरों में नकारात्मक रुझान था, जिसने सामूहिक रूप से सूचकांक को नीचे खींच दिया।
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