नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंडियन चैंबर आॅफ कॉमर्स के 95वें वार्षिक पूर्ण सत्र केअवसर पर उद्घाटन भाषण दिया। वह बीत दस दिनों के अंदर दूसरी बार इंडस्ट्री के लोगों से जुड़े। इसके पहले कन्फेडरेशन आॅफ इंडियन इंडस्ट्री के एनुअल सेशन मेंदो जून को उन्होंने इकोनॉमी पर बात की थी। देश इस समय कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है। अपने वर्चअल संबोधन में उन्होने कहा कि आज देशवासियों के मन में एक काश है, काश हम मेडिकल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होते ,काश हम डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होते। काश हम सोलर पैनल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होते, ऐसे कई उदाहरण हैं जहां पर देश में काश घूम रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें विचार करना होगा कि जो चीजें हम विदेश से मंगवा र हे है वह देश में कैसे बने और फिर किस प्रकार हम उनका निर्यात करें। पीएम मोदी ने कहा कि इस वक्त मुसीबत की दवाई सिर्फ मजबूती है, मुश्किल वक्त में भारत हमेशा आगे बढ़कर सामने आया है। आज पूरी दुनिया ही इस संकट से लड़ रही है, कोरोना वॉरियर्स के साथ देश इस लड़ाई में पीछे नहीं है। अब देशवासी के मन में संकल्प है कि आपदा को अवसर में बदलना है, इस संकट को देश का टर्निंग प्वाइंट बनाना है। आत्मनिर्भर भारत ही टर्निंग प्वाइंट है। प्रधानमंत्री ने कहा- मन के हारे हार, मन के जीते जीत… हमारी संकल्प शक्ति ही हमारा आगे का मार्ग तय करती है। जो पहले ही हार मान लेता है, उसके सामने नए अवसर नजर नहीं आते हैं ऐसे में जीत के लिए लगातार प्रयास करने वाला ही सफलता पाता है और नए अवसर आते हैं। उन्होंने कहा कि इस साल की बैठक ऐसे वक्त में हो रही है, जब देश कई मुश्किलों को झेल रहा है। आज देश में कोरोना वायरस है, टिड्डी की चुनौती हैं, कहीं आग लग जा रही है तो रोज भूकंप भी आ रहे हैं, इस बीच दो साइक्लोन भी आए हैं। कभी-कभी समय भी हमारी परीक्षा लेता है।
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