Opposition Mobile Hacking: विपक्ष के केंद्र सरकार पर जासूसी के आरोप निराधार

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Opposition Mobile Hacking
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव।

Aaj Samaj (आज समाज), Opposition Mobile Hacking, नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने विपक्ष के जासूसी के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा है कि जब विपक्षी नेताओं के पास मुद्दे नहीं होते हैं तो वे जासूसी का आरोप लगाने लगते हैं। उन्होंने कहा, विपक्ष के आरोप निराधार हैं, लेकिन कुछ लोगों को आलोचना करने की आदत लग गई है। ये लोग देश की उन्नति को पचा नहीं सकते। केंद्रीय मंत्री ने कहा, कुछ साल पहले भी विपक्ष के नेताओं ने यही कोशिश की थी, तब कोर्ट की देखरेख में हमने पूरी जांच कराई थी और कुछ नहीं निकला था। यहां तक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के आरोप कि ‘उनके दोनों बच्चों का फोन हैक है’, ऐसा कुछ भी नहीं था। ये सब झूठ आलोचकों ने फैलाया गया।

  • देश की उन्नति पचा नहीं सकते कुछ लोग, आलोचना की आदत

सरकार मुद्दे पर बहुत गंभीर तह तक जाएंगे

अश्विनी वैष्णव ने कहा, कुछ सांसदों ने जो मुद्दा उठाया है कि उनके पास एप्पल से एक अलर्ट आया है, उस पर मैं साफ करना चाहता हूं कि सरकार इस मुद्दे पर बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा, जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं और हम इस मुद्दे की तह तक जाएंगे। एप्पल ने बिना किसी जानकारी के अनुमान के आधार 150 देशों में ये सूचना जारी की है। बता दें कि विपक्ष के कई नेताओं ने दावा किया है कि उनके मोबाइल पर फोन निमार्ताओं द्वारा एक संदेश भेजा गया है, जिसमें कहा गया कि उनके फोन में सरकार समर्थित हैकरों द्वारा हैकिंग की कोशिश की गई है।

विपक्ष के इन नेताओं लगाए हैं आरोप

जिन नेताओं ने समर्थित हैकरों द्वारा उनके फोन में हैकिंग की कोशिया की शिकायत की गई है, उनमें तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुवेर्दी, कांग्रेस नेता शशि थरूर और पवन खेड़ा शामिल हैं। इनके अलावा आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि उन्हें भी इस तरह के मैसेज आए हैं। एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने भी बाद में इस तरह के आरोप लगाते हुए सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा, खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं। साफ छिपाते भी नहीं, सामने आते भी नहीं।

एप्पल के अलर्ट से नेताओं में मची अफरातफरी

बता दें कि 31 अक्तूबर सुबह उस वक्त अफरातफरी का माहौल बन गया जब प्रियंका चतुवेर्दी, शशि थरूर, महुआ मोइत्रा, राघव चड्ढा समेत विपक्ष के कई नेताओं के पास एप्पल की ओर से अलर्ट आया कि उनके फोन को हैक किया जा सकता है। तमाम नेताओं ने एक्स अकाउंट पर एप्पल की ओर से आए नोटिफिकेशन का स्क्रीनशॉट किया और मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। एपल की ओर से अलर्ट आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है और जासूसी का आरोप लगाया है।

एप्पल ने बयान जारी कर दी प्रतिक्रिया

एप्पल ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, राज्य-प्रायोजित हमलावर बहुत अच्छी तरह से फंडिंग वाले और ट्रेंड हैं और उनके अटैक के तरीके समय के साथ बदलते रहते हैं। ऐसे साइबर अटैक का पता लगाना काफी मुश्किल है। कई बार ये अलर्ट झूठे भी साबित होते हैं। यह भी संभव है कि एप्पल की ओर से भेजे गए कुछ अलर्ट झूठे हो सकते हैं। कंपनी के बयान में यह भी कहा गया कि हम इस बारे में जानकारी देने में असमर्थ हैं कि किस कारण से हमें खतरे की सूचनाएं जारी करनी पड़ रही हैं, क्योंकि इससे हैकर्स को मदद मिल सकती है।

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