National Naturopathy Day, (आज समाज), पानीपत : गांधी स्मारक निधि पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश पट्टीकल्याणा द्वारा संचालित प्राकृतिक जीवन केन्द्र में राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। वैसे हर वर्ष 18 नवंबर को पूरे भारत में प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया जाता है, इसको लेकर प्राकृतिक जीवन केन्द्र में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. संदीप जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा का उद्देश्य बिना दवा की चिकित्सा प्रणाली है, और इसके माध्यम से मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ को बढ़ावा देना है।

National Naturopathy Day के अवसर पर ‘गांधी स्मारक निधि’ पट्टीकल्याणा में दी निशुल्क प्राकृतिक एवं पंचकर्म चिकित्सा

आज के दिन महात्मा गांधी अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा फाउंडेशन ट्रस्ट के आजीवन अध्यक्ष बने थे

उन्होंने बताया कि इस दिवस को आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 18 नवम्बर 2018 को घोषित किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि सन् 1945 में आज ही के दिन महात्मा गांधी अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा फाउंडेशन ट्रस्ट के आजीवन अध्यक्ष बने थे और प्राकृतिक चिकित्सा के लाभों को आमजन तक पहुंचाने के लिए एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए थे। संदीप जैन ने यह भी कहा कि इस दिन पूरे देश में जागरूकता शिविर, कार्यशालाएं, सभा-सम्मेलन आयोजित करके इस दिन को मनाया जाता है।

प्राकृतिक चिकित्सा एवं पंचकर्म चिकित्सा द्वारा कई प्रकार से बीमारियों का ईलाज किया जाता

जैन ने बताया कि कोई भी व्यक्ति स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग कर सकता है। उन्होंने पांच तत्वों के हिसाब से स्वस्थ रहने के उपाय बताते हुए कहा कि आज जो भी जीवन शैली से सम्बन्धित बीमारियां हो रही हैं उनमें प्राकृतिक चिकित्सा अद्भुत काम करती है इसलिए हम सभी प्रण करते हैं कि हम सभी अपने आपको योग-प्राणायाम, प्राकृतिक चिकित्सा, आहार-व्यवहार के द्वारा स्वयं को स्वस्थ रखेंगे। इसके लिए आप प्राकृतिक जीवन केन्द्र में भी स्वास्थ्य लाभ के लिए आ सकते हैं। यहां पर प्राकृतिक चिकित्सा एवं पंचकर्म चिकित्सा द्वारा कई प्रकार से बीमारियों का ईलाज किया जाता है।

20-25 साधक-साधिकाओं ने प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ उठाया

इस अवसर पर गांधी स्मारक निधि, प्राकृतिक जीवन केन्द्र में नि शुल्क प्राकृतिक चिकित्सा जैसे जल नेति, रबड़ नेति, एनिमा, कुंजल तथा मिट्टी स्नान आदि दिया गया, इसमें लगभग 20-25 साधक-साधिकाओं ने प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ उठाया। इस अवसर पर गांधी स्मारक निधि आश्रम पट्टीकल्याणा के सचिव आनंद कुमार शरण ने सभी साधक साधिकाओं से रोगों से मुक्त रहने के लिए दवा रहित प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाने का आह्वान किया और कहा कि यह शरीर पंचतत्व से बना है और शरीर की सभी बीमारियों का उपचार भी पंचतत्व ही है, इसलिए सभी लोग प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाकर स्वस्थ रहें।

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