नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर अपना साक्षात्कार एएनआई को दिया। उन्होंने मंगलवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में फैसला लिया है कि 2021 की जनगणना के साथ नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी एनपीआर को भी अपडेट किया जाएगा। गृहमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि सीएए के लिए एक भ्रांति फैलाई गई, इस प्रकार से एनपीआर के लिए भ्रांति नहीं फैलाई जाए। हर राज्य इसके लिए अपना जनगणना अधिकारी तय करेगा। भारत सरकार तो सब जगह करने नहीं जाने वाली। एनपीआर न तो हमारे घोषणा पत्र का एजेंडा और ना ही हमारा बनाया हुआ। ये यूपीए सरकार की एक्सरसाइज है। जिस राज्य के सीएम ने इनकार किए हैं उनसे मैं बात करूंगा और उनको समझाने का पूरा प्रयास करूंगा। जनगणना 2021 में होना जरूरी है क्योंकि हर दस साल पर होती है। एनपीआर और जनगणना की एक्सरसाइज लगभग एक जैसा है इसलिए एनपीआर को अपडेट किया जाएगा। अमित शाह ने एनआरसी के सवाल पर कहा कि एनआसी पर अभी चर्चा करने की कोई जरूरत ही नहीं है। मेरी पार्टी का घोषणा पत्र अपनी जगह पर है। और जब होगा तो पूरी एक्सरसाइज होगी। पूरे देश से मैं कहना चाहता हूं कि एनपीआर के डेटा का इस्तेमाल एनआरसी के लिए नहीं किया जाएगी। क्योंकि दोनों कानून अलग हैं। एनपीआर के डेटा के अनुसार भारत के आने वाले 10 साल के विकास का खाका तैयार होगा। हां, इसमें आधार कार्ड की जानकारी देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने एक ऐप बनाया है जिसे लोग भर कर भेज सकते हैं। जो जानकारी आप देंगे सरकार उसका रजिस्टर बनाएगी। उसी आधार पर सरकार विकास का खाका तैयार करेगी। सीएए के लिए अब जनता के मन से भय दूर हो गया है इसलिए कुछ लोग अब एनपीआर का भय खड़ा करना चाह रहे हैं।
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