करनाल: आने वाले सत्र 2021-22 में भी नवनिर्मित शुगर मिल समय पर चलेगा, किसान न हों भ्रमित : एमडी अदिति

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Managing Director Aditi Karnal
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प्रवीण वालिया, करनाल:
सहकारी चीनी मिल करनाल की प्रबंध निदेशक अदिति ने बताया कि चीनी मिल के विषय में एक भ्रामक प्रचार सोशल मीडिया पर अनर्गल गलत तथ्यों को प्रेषित करते हुए फैलाए जाने का प्रयास किया गया है जिसमें करनाल शुगर मिल के बंद होने की सूचना को सनसनीखेज तरीके से प्रसारित किया जा रहा है, जबकि ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि गन्ना पिराई सत्र 2020-21 के अंतिम चरण में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड करनाल ने वसंत दादा शुगर इंस्टीटयूट की टीम के साथ मिलकर 8 फरवरी 2021 को मिल का निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा जल प्रदूषण के विषय में कुछ कमियां पाई गई। चीनी मिल द्वारा उन सभी कमियों को ठीक करा दिया गया है। पुराने चीनी मिल प्लांट में प्रदूषण संबंधी संयंत्र जैसे कि फ्लोमीटर, टोटलाईजर आदि अपडेट नहीं रह पाते फिर भी यथासंभव निराकरण किया गया। उन्होंने कहा कि आने वाले आगामी सत्र 2021-22 में यही नवनिर्मित विस्तारीकृत रिफाईंड शुगर प्लांट समय से चलेगा, भ्रमित होने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने बताया कि सहकारी चीनी मिल का गन्ना पिराई सत्र 2020-21 पिछले वर्ष 10 नवम्बर से प्रारंभ होकर 12 अप्रैल 2021 तक चलाया गया। मिल के पुराने प्लांट द्वारा 28.548 क्विंटल गन्ने की पिराई की गई तथा 269974 क्विंटल चीनी का उत्पादन हुआ। इसी बीच दिनांक 8 अप्रैल 2021 को स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के तहत स्थापित नई चीनी मिल का विधिवत ट्रायल उपरांत संचालन प्रारंभ कर दिया गया। उन्होंने बताया कि नई स्थापित 3500 टीसीडी क्षमता की रिफाईंड शुगर चीनी मिल में प्रदूषण नियंत्रण की सभी नवीनतम तकनीकी के संयंत्र कार्यरत हैं। इसके शुरू हो जाने से प्रदूषण नियंत्रण की कोई समस्या नहीं रहेगी। इस प्लांट में सभी प्रदूषण मानक निर्धारित मापदंड प्राप्त करने के साधन/संयंत्र कार्यरत हैं। नई विस्तारीकृत चीनी मिल द्वारा सफलतापूर्वक 10.30 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई। इससे उच्च गुणवत्ता की 94460 क्विंटल रिफाईंड शुगर का उत्पादन हुआ। नया मिल अपनी निर्धारित क्षमता एवं दक्षता पर चला।
उन्होंने बताया कि 31 मई 2021 को हरियाणा स्टेट पोपुलेशन कंट्रोल बोर्ड का क्लोजर आर्डर आरएच 5064252281एन निर्गत हुआ। इस आर्डर की निर्गत होने से बहुत पहले 12 अप्रैल, 2021 को करनाल को-आपरेटिव शुगर मिल का पुराना प्लांट पूर्व में ही बंद हो चुका था। यह प्लांट सरप्लस घोषित किया जा चुका है। हरियाणा स्टेट पोपुलेशन कंट्रोल बोर्ड के क्लोजर आर्डर की अनुरूप करनाल प्रदूषण विभाग द्वारा पुराने चीनी मिल की पूर्व में बंद प्लांट को क्लोज करने की कार्यवाही की गई। मिल द्वारा गत 11 जून को इस क्लोजर आर्डर को कैंसिल कराने के लिए हरियाणा स्टेट पोपुलेशन कंट्रोल बोर्ड पंचकूला को सभी आवश्यक प्रपत्र सहित निवेदन किया गया है।
वर्तमान में चीनी मिल में स्थापित विस्तारीकृत 3500 टीसीडी क्षमता का रिफाईंड शुगर प्लांट के संयंत्रों की रिपेयर मैंटेनेंस का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। बगास बेल्ट कन्वेयर, केन रिपेयर, एमबीसी आदि रिपेयर कर ट्रायल किए जा चुके हैं। रेक एलिवेटर, इंटर कॅरियर, बगास एलीवेटर आदि की रिपेयर का कार्य शीघ्र ही पूर्ण हो जाएगा, इसके बाद इसका ट्रायल होगा। बोइलिंग हाऊस की विभिन्न संयंत्रों की रिपेयर का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। उन्होंने सभी किसानों को प्रबंधन की ओर से पूर्ण आश्वासन दिया कि नई विस्तारीकृत चीनी मिल का समय से गन्न पिराई सत्र 2021-22 प्रारंभ हो जाएगा। नई मिल की सभी वांछित एनओसी प्राप्त हो चुकी है। प्रदूषण विभाग द्वारा पब्लिक हियरिंग की जा चुकी है। एनवार्यमेंटल क्लीयरेंस का कार्य प्रगति में है जो समय से पूर्ण हो जाएगा। चीनी मिल का समय से पिराई सत्र संचालन प्रांरभ करने में कोई कठिनाई नहीं है। चीनी मिल के विरूद्ध भ्रमित व गलत सूचना फैलाने वाले के खिलाफ नियमानुसार उचित कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

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