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नया शोध, डायबिटीज महिलाओं के बच्‍चे होते हैं सबसे ज्‍यादा मोटापे के शिकार

मोटापा खतरनाक बीमारियों की जड़ है। इसे कंट्रोल में रखना बहुत ही जरूरी है। डायबिटीज की सामान्य दवा लेने वाली गर्भवती महिलाओं के नवजात शिशुओं में मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। इस शोध में पूर्व में हुए शोध के नतीजों से भिन्न पाए गए हैं। शोध में विशेषज्ञों ने देखा कि ब्लड शुगर का स्तर कम करने वाली दवा मेटफॉर्मिन प्लेसेंटा (गर्भनाल) को पार कर विकसित हो रहे भ्रूण तक पहुंच जाती है। जो महिलाएं मोटापे और डायबिटीज की शिकार होती हैं उनके बच्चों को ऑटिज्म स्पेक्ट्रम की समस्या होने की ज्यादा संभावना होती है। यह दिमागी समस्या बच्चे के जन्म लेने से पहले ही हो जाती है, जिसमें उसका दिमागी विकास रूक जाता है।

जियोबिन बैंग के अनुसार, प्रेग्नेंट महिलाओं के मोटापे से बच्चे का न्यूरोडेवलपमेंट भी लंबे समय तक प्रभावित हो सकता है। ऑटिज्म का खतरा भ्रूण बनने के साथ शुरू हो जाता है.’ सामान्य वजन वाली महिलाओं के बच्चों के मुकाबले जिन महिलाओं को मोटापा और शुगर, दोनों ही समस्याएं होती हैं उनके बच्चों में ऑटिज्म का खतरा चार गुना ज्यादा होता है।

दूसरी ओर एक अन्‍य प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर ग्युरो एनगेन हानेम ने शोध के इस नतीजों को आश्चर्यजनक बताते हुए कहा कि शोध के दौरान विशेषज्ञों ने देखा कि गर्भावस्था के दौरान जिस मांओं ने मेटफॉर्मिन दवा का सेवन किया था उनके बच्चों का वजन चार साल की उम्र में 0.8 किलो अधिक था। विशेषज्ञों का कहना है मेटफॉर्मिन दुनिया के अधिकांश देशों में डायबिटीज के मरीजों को आमतौर पर दी जाने वाली दवा है।

इस क्षेत्र में हुए पूर्व के शोध में कहा गया था कि मेटफॉर्मिन का बच्चों के चयापचय पर रक्षात्मक प्रभाव होता है। मेटफॉर्मिन दवा पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) की शिकार महिलाओं को भी दिया जाता है। इस बीमारी प्रजनन काल के दौरान तकरीबन 10 फीसदी महिलाओं को यह समस्या होती है। विशेषज्ञों ने यह निष्कर्ष 160 बच्चों की मांओं के आंकड़ों पर अध्ययन के बाद निकाला है। इन 160 बच्चों की मांओं ने भी पीसीओएस को नियंत्रित करने के लिए मेटफॉर्मिन दवा का सेवन किया था। यह अध्ययन ट्रॉन्डे स्थित नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में किया गया।जिसका कुल निष्‍कर्ष यह है कि डायबिटीज पीडित महिलाओं के बच्चों में मोटापा होने के चांस ज्‍यादा होते हैं, इसलिए पहले से ही सावधानी बरतते हुए डायबिटीज को अपने से दूर रखें और आनेवाली अपनी संतती को मोटापे का अभिशाप देने से उसे बचाएं ।

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