सितंबर-अक्टूबर में पनपते हैं कांग्रेस घास के नये पौधे

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प्रवीन दतौड़, सांपला :
कांग्रेस घास (गाजर घास) के एक पौधे से बीजों से दस हजार से भी ज्यादा पौधे उत्पन्न हो सकते है। इस जहरीले पौधे को फलने फुलने का उचित समय सिंतबर – अक्टूबर का होता है। इसलिए अगस्त व सितंबर में इन जहरीले पौधों को समाप्त करने के लिए विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता होती है। जहरीले कांग्रेस घास को पूर्ण रूप से नष्ट नहीं किया गया तो यह भावी पीढ़ी के लिए काफी नुकसानदायक तो होगी साथ ही पर्यावरण को भी दूषित करेगी । आम-तौर पर फरवरी मार्च के महीने में इस जहरीले घास के नए पौधे उत्पन्न होते हैं, और सिंतबर – अक्टूबर के महीने में पौधे से नीचे गिरकर नए पौधे उत्पन्न करता है। इस पौधे के बीज हवा से उडकर व किसी अन्य माध्यम से विभिन्न स्थानों पर पहुंच कर उत्पन्न हो जाते हैं। इसीलिए इस जहरीले पौधे को नष्ट करने के लिए अभी से ही सभी को व्यापक स्तर पर अभियान चलाना चाहिए। गाजर घास जिसे आम बोलचाल की भाषा में कांग्रेस घास व वैज्ञानिक भाषा में पार्थेनियम हिस्टरोफोरस के नाम से जाना जाता है, का फैलाव एवं जमाव सडकों के किनारे, नहरों के किनारे, रेलवे लाइनों के किनारे, खेतों के किनारे व खाली पड़ी जमीनों एवं प्लाटों में तेजी से हो रहा है। यह जहरीली घास मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ पशु-पक्षियों, जीव-जन्तुओं एवं फसलों के लिए भी हानिकारक है। इस पौधे में पारथेनिन नामक जहरीला रसायन पदार्थ होता है। जो भी प्राणी इसके संपर्क में आता है, उसे एलर्जी एवं खुजली, आंखों में जलन, शरीर विशेषकर आंखों के आस-पास काले धब्बे व फफोले, बुखार, अस्थमा, जुकाम, दमा, चर्म व श्वास सम्बन्धी एलर्जी इत्यादि रोगों के साथ-साथ अनेकों बीमारियों के होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा यह दूसरी फसलों का उत्पादन घटता है और पशुओं को भी इससे अनेक प्रकार के रोग हो सकते हैं। जहरीले पौधों को नष्ट करने के लिए विभिन्न तरीके अपनाए जा सकते है, परन्तु इस जहरीले पौधे को पूर्ण रूप से समाप्त करने का सबसे आसान तरीका यह है कि इस पौधे को जड़ से उखाडकर इसे जला दिया जाए ताकि इन पौधों के बीज भी जलकर पूर्ण रूप से नष्ट हो जाएं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार ग्लाईफोसेट व मैट्रिबूजिन नामक कैमिकलों का घोल तैयार करके गाजर घास पर स्प्रे करके इसे नष्ट किया जा सकता है। मानव आवास स्थानों के आस-पास और क्यारियों में उगे कांग्रेस घास/पार्थीनियम के पौधों को फूल आने से पहले समूल से उखाडकर नष्ट कर दें। इसके गिने-चुने पौधे हों तो उन्हे हाथ से उखाड़ा जा सकता है। ज्यादा क्षेत्र पर इन्हें हाथ से उखाडऩा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अत: इस परिस्थिति में यांत्रिक विधि से नष्ट करना चाहिए। हाथ से उखाड़ते समय ध्यान रखना चाहिए कि पौधे का शरीर से सीधा संपर्क न हो। इसके लिए हाथों में रबड़ के दस्ताने पहने या पॉलिथीन की थैलियां लपेटी जा सकती हैं। पौधें के जड़ से न उखडऩे या दराती आदि से काटने पर ये पुन: तेजी से बढ़ते हैं और इनमें बहुत सारी टहनियां निकलती हैं, जिसके कारण इनकी पुनवृद्वि पहले से अधिक हो जाती है।

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