National News : 3 राज्यों की 17 सीटों पर होने वाले उप चुनाव में 3 मुख्यमंत्रियों की होगी परीक्षा

0
135
National News : 3 राज्यों की 17 सीटों पर होने वाले उप चुनाव में 3 मुख्यमंत्रियों की होगी परीक्षा
National News : 3 राज्यों की 17 सीटों पर होने वाले उप चुनाव में 3 मुख्यमंत्रियों की होगी परीक्षा
  • सीएम योगी, भजनलाल शर्मा और धामी की प्रतिष्ठा लगी दांव पर
  • ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे की भी होगी असली परीक्षा

National News | अजीत मेंदोला | नई दिल्ली/जयपुर। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में अगले माह होने वाले उप चुनाव इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं। चुनाव आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव के साथ देशभर में खाली हुई 48 सीटों पर उप चुनाव की भी घोषणा कर दी है।

अजित मेंदोला
अजित मेंदोला

उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 13 नवंबर को, जबकि उत्तराखंड की एकमात्र सीट पर 20 नवंबर को चुनाव होगा। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi Adityanath) के सामने 9 सीटें, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा (Rajasthan Cm Bhajan lal sharma) के सामने 7 सीटें और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand Cm Pushkar singh dhami) के सामने एकमात्र केदारनाथ की सीट जितवाना बड़ी चुनौती है। दरअसल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पार्टी को लोकसभा चुनाव में बड़ा नुकसान हुआ था।

दोनों राज्यों में पार्टी 40 लोकसभा की सीटें हार गई थी। इन सीटों के चलते बीजेपी बहुमत से काफी पीछे रह गई थी। इनमें उत्तर प्रदेश की 29 और राजस्थान की 11 सीटें थीं। उत्तराखंड में पार्टी लोकसभा की सभी 5 सीटें जीतने में तो सफल रही लेकिन बाद में हुए 2 उप चुनाव हार गई।

इसमें बद्रीनाथ जैसी महत्वपूर्ण सीट भी भाजपा के हाथ से निकल गई थी। इस हार से विरोधियों को मुख्यमंत्री धामी के खिलाफ बोलने का मौका मिल गया था। अब धामी केदारनाथ की सीट जितवा देते हैं तो उन्हें मजबूती मिलेगी।

भाजपा की गुटबाजी देखने को मिली थी

लोकसभा में हुई हार के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा के अंदरखाने बड़ी गुटबाजी देखने को मिली थी। नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ सवाल भी उठाए थे। उम्मीद से ज्यादा सीटें जीतने के बाद विपक्ष बीजेपी पर हमलावर बना हुआ है। हालांकि, भाजपा और संघ ने मिलकर उत्तर प्रदेश की स्थिति को संभाला।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा जताया। इसके बाद योगी ने आक्रामक तरीके से स्थिति को संभाल विपक्ष को कड़ी चुनौती देनी शुरू कर दी। खाली हुई 10 सीटों पर अपने तरीके से रणनीति बनाकर चुनाव की तैयारी की हुई है।

अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर फिलहाल चुनाव नहीं

बता दें कि चुनाव आयोग ने अयोध्या की मिल्कीपुर की सीट छोड़ बाकी 9 सीटों पर चुनाव की घोषणा की। मिल्कीपुर का मामला हाई कोर्ट में लंबित है इसलिए उसे नहीं छेड़ा गया। बाकी जो 9 सीटें हैं, उनमें करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटहरी, मझवा, गाजियाबाद सदर, खैर मीरापुर और कुंदरवी हैं।

इनमें 5 सीटें समाजवादी पार्टी के पास, 3 भाजपा और 1-1 राष्ट्रीय लोकदल और निषाद पार्टी के पास थीं। मुख्यमंत्री योगी के लिए यह सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गई है कि लोकसभा की हार के बाद विरोधियों ने बड़े सवाल उठाए थे। योगी कुछ समय से हिंदुत्व के मुद्दे को फिर धार देने में लगे हैं।

दुकानों पर मालिकों का नाम लिखना अनिवार्य करना और उसके बाद ‘बंटोगे तो कटोगे’ के नारे को आगे बढ़ाने से विपक्ष चिंतित है। योगी का ‘बंटोगे तो कटोगे’ के नारे को पार्टी नेताओं ने आगे बढ़ाया है। हरियाणा में योगी ने इस नारे पर ही जोर दे जितनी सीटों पर प्रचार किया, पार्टी को सफलता मिली।

हरियाणा की जीत ने भाजपा में नई जान डाल दी। इसका लाभ झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव में तो मिलेगा। उप चुनावों पर भी असर पड़ेगा। योगी सभी 9 की 9 सीटें जीत विपक्ष को बड़ा झटका देने की पूरी कोशिश करेंगे। समाजवादी पार्टी की 5 सीटें प्रमुख अखिलेश यादव के करीबियों की हैं। भाजपा सेंध लगाती है तो योगी और ताकतवर हो जाएंगे।

राजस्थान की 7 सीतों पर भजनलाल की ‘अग्निपरीक्षा’

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाद राजस्थान (Rajasthan) ऐसा दूसरा राज्य है जहां पर 7 सीटों पर उप चुनाव होने हैं। ये सीटें हैं झुंझुनू, दौसा, चौरासी, देवली उनियारा, खींवसर, सलूंबर और रामगढ़। इनमें 5 सीटें लोकसभा चुनाव जीतने की वजह से खाली हुर्इं, जबकि 2 पर मौजूदा विधायकों के निधन से चुनाव हो रहा है। हरियाणा चुनाव से पूर्व तक कांग्रेस सभी सीटों पर मजबूत दिखती थी लेकिन अब हालात बदल सकते हैं।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपनी पहली परीक्षा में असफल रहे थे। लोकसभा चुनाव में 11 सीटों की हार ने उन्हें कमजोर किया था लेकिन हरियाणा की जीत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नए नारे ‘बंटोगे तो कटोगे’ ने बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे को फिर मजबूती दे दी। शर्मा की उप चुनाव में एक बार फिर कड़ी परीक्षा है। बीजेपी अगर सभी सीटें जीतती है तो मुख्यमंत्री शर्मा को ताकत मिलेगी।

यह भी पढ़ें : Bahraich Violence : क्या सांप्रदायिक सद्भाव असंभव है ?

यह भी पढ़ें : Hockey India League में हिसार के 4 खिलाड़ियों की हुई नीलामी

यह भी पढ़ें : Caste System in India : भारत बनाम हमारा जातिवाद

यह भी पढ़ें : Vehicle Scrappage Policy in Delhi : आपदा या कमाई का अवसर