Nadda New Team Rejigs: लोकसभा व विधानसभा चुनावोें के लिए बीजेपी ने कसी कमर, नड्डा ने बनाई नई टीम

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Nadda New Team Rejigs
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा। 

Aaj Samaj (आज समाज), Nadda New Team Rejigs, नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव-2024 और इसी साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है। शनिवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी नई टीम का ऐलान किया। केंद्रीय पदाधिकारियों की नई टीम की सूची में कुल 38 नाम हैं, जिनमें नए व पुराने चेहरों का समन्वय बैठाया गया है।

बीएल संतोष राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बने रहेंगे

नई टीम की लिस्ट के अनुसार बीएल संतोष राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बने रहेंगे। शिवप्रकाश को राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं राजेश अग्रवाल को कोषाध्यक्ष और नरेश बंसल को सह कोषाध्यक्ष बनाया गया है। तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉक्टर रमन सिंह, वसुंधरा राजे व रघुबर दास को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। मध्यप्रदेश से सौदान सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और कैलाश विजयवर्गीय को राष्ट्रीय महामंत्री का पद दिया गया है। कांग्रेस से आए एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है।

हरियाणा में पिछले चुनावों में जीत का श्रेय कैलाश विजयवर्गीय को

हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत का सेहरा कैलाश विजयवर्गीय के सिर बंधा था। तब से उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की टीम का हिस्सा माना जा रहा है। उसके बाद पश्चिम बंगाल जैसे महत्वपूर्ण राज्य की जिम्मेदारी भी उन्हें दी गई थी। भले ही बीजेपी बंगाल में सरकार नहीं बना सकी, लेकिन प्रमुख विपक्षी पार्टी बनकर उसने चौंकाया जरूर। इसके बाद कयास लग रहे थे कि कैलाश विजयवर्गीय का प्रभाव कम होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उन्हें पार्टी ने न केवल राष्ट्रीय महासचिव बनाए रखा, बल्कि मध्य प्रदेश चुनावों में अहम जिम्मेदारी दी गई है।

संघ के करीबी हैं वरिष्ठ नेता सौदान सिंह

मध्यप्रदेश के विदिशा से वरिष्ठ बीजेपी नेता सौदान सिंह संघ के करीबी हैं। एक दशक पहले राजनाथ सिंह के अध्यक्षीय कार्यकाल में उन्होंने राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री पद से इस्तीफा देकर चौंका दिया था। संघ से लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें मनाया और जिम्मेदारी कायम रखी थी। 20 साल तक उनके पास छत्तीसगढ़ का प्रभार रहा। पिछले साल उन्हें हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रभारी बनाया गया था। भले वहां पार्टी चुनाव हार गई और सरकार चली गई, पर सौदान का प्रभाव कायम है। इसी वजह से उन्हें अब भी उपाध्यक्ष कायम रखा गया है।

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