Muharram Procession: तीन दशक बाद श्रीनगर में निकाला गया मुहर्रम का जुलूस

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Muharram Procession
तीन दशक बाद श्रीनगर में निकले मुहर्रम के जुलूस में शामिल लोग

Aaj Samaj (आज समाज), Muharram Procession, श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद शांति बहाली आज सुबह उस समय एक दृश्य देखने को मिला जब तीन दशक बाद श्रीनगर व ऐतिहासिक लाल चौक सहित कई जगह से  मुहर्रम का जुलूस निकाला गया। हिंसा के चलते 1989 से जुलूस पर प्रतिबंध था। श्रीनगर शहर में गुरुबाजार से डलगेट तक जुलूस निकालने की अनुमति दी गई थी। इसी के तहत पारंपरिक गुरुबाजार-डलगेट रूट से मुहर्रम का जुलूस निकाला और यह श्रीनगर के चर्चित लाल चौक इलाके से भी गुजरा।

शिया समुदाय कई साल से कर रहा था मांग

कश्मीर के एडिशनल डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस विजय कुमार ने बताया कि शिया समुदाय की ओर से बीते कुछ सालों से गुरुबाजार-डलगेट रूट रूट पर जुलूस निकालने की मांग की जा रही थी। प्रशासन ने इस बार इसकी अनुमति दी। उन्होंने बताया कि हमने सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए थे। बुधवार को हाई लेवल मीटिंग भी की।

दूसरे मुद्दों पर भी फैसला कर सकेगा प्रशासन : कमिश्नर विधूरी

कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर वीके विधूरी ने बताया कि घाटी के लोगों द्वारा अच्छा माहौल बनाने के चलते मुहर्रम का जुलूस निकालने की इजाजत दी गई। उन्होंने बताया कि सुुबह इसलिए जुलूस निकालने की अनुमति दी गई ताकि आम लोगों को कोई परेशानी न हो। इस कार्यक्रम के शांतिपूर्ण तरीके से होने से प्रशासन दूसरे मुद्दों पर भी फैसला कर सकेगा।

1989 में एक बड़े जुलूस में घुस गए थे आतंकी

जानकारी के अनुसार 1989 में ऐसे ही एक बड़े जुलूस में कुछ आतंकी घुस गए थे और इसमें एचएजेवाई ग्रुप यानी तबके नामी आतंकी कमांडर हमीद शेख, अशफाक मजीद, जावेद मीर और यासीन मलिक शामिल थे। जुलूस में देश विरोधी नारेबाजी हुई, जिसको देख तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन ने पारंपरिक गुरुबाजार-डलगेट रूट से मुहर्रम का जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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