मृत्युभोज एक कुरीति नहीं बल्कि सामाजिक कलंक Mortuary Social Stigma

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Mortuary Social Stigma
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आज समाज डिजिटल, तोशाम
Mortuary Social Stigma : मृत्युभोज, डीजे सहित सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन को लेकर विभिन्न गांवों से जुड़ी सामाजिक कुप्रथा निषेध अभियान कमेटी का सम्मेलन रविवार को गांव साहलेवाला में संपन्न हुआ। इस मौके पर मृत्युभोज न करने की शपथ दिलाई गई। शपथ ली गई की न मृत्युभोज खाएंगे न खिलाएंगे और समाज में अलख जगाएंगे।

युवाओं को जोड़कर डीजे पर पाबंदी

कमेटी के चेयरमैन रामधारी लाम्बा ने कहा कि कमेटी से युवाओं को जोड़कर डीजे पर पाबंदी के लिए अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि डीजे से सामाजिक  सौहार्द  प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कमेटी पिछले चार सालों से कुप्रथाओं के खात्मे को लेकर संघर्ष कर रही है। समाज में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।
वीरेंद्र संडवा ने कहा कि मृत्युभोज एक पीड़ा देने वाली सामाजिक कुरीति है। मृत्युभोज एक कुरीति नहीं बल्कि सामाजिक कलंक भी है।

यह एक सामाजिक बुराई

मानव विकास के रास्ते में यह कलंकित प्रथा कैसे पनप गई यह समझ से परे है। जानवर भी अपने किसी साथी के मरने पर मिलकर दुःख प्रकट करते हैं। लेकिन खेद की बात है कि यहां किसी व्यक्ति के मरने पर उसके साथी, सगे-संबंधी भोज करते हैं। मिठाइयां खाते हैं। यह एक सामाजिक बुराई है। इसको खत्म करने के लिए हम सभी को जागरूक होकर काम करना पड़ेगा। इस कुरीति को खत्म करने के लिए किसी को पहल करनी होती है।  हमारा मृत्युभोज नहीं करने का निर्णय  समाज में नजीर बनेगा।

मृत्युभोज पर कड़ा प्रहार 

सीताराम सिंगल खावा, मंगल सिंह खरेटा, पूर्व चेयरमैन जयप्रकाश हसानिया, हेडमास्टर अशोक कुमार, मास्टर धर्मबीर, मास्टर पवन कुमार, मास्टर संजय कुमार आदि वक्ताओं ने मृत्युभोज पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि मृत्युभोज जैसी कुप्रथा का उन्मूलन बहुत आवश्यक है। ऐसी कुप्रथाएं समाज के विकास में बाधा हैं। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि वे समाज में फैली कुप्रथाओं के खात्मे के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

इस अवसर पर उपस्थित रहे

इस अवसर पर कमेटी संयोजक सज्जन संडवा, सचिव मुकेश श्योराण, पूर्व जिला पार्षद प्रताप हसान, भान सिंह, पूर्व सरपंच अनिल साहलेवाला, सुखबीर संडवा, शत्रुघ्न पायल, पूर्व सरपंच बीरसिंह बुशान, पूजा भुक्कल, संदीप गौड़,  संदीप बड़ेसरा, कुलबीर धायल, पूर्व सरपंच सतबीर ईशरवाल, बृजपाल बुशान, पूर्व सरपंच हवासिंह संडवा, पूर्व सरपंच रघुवीर रोढ़ा, प्रदीप रोढ़ा, दलबीर संडवा, राजबीर फौजी, जयवीर बुशान, पूर्व सरपंच महान सिंह, नफे सिंह पूनियां, कर्णसिंह जैनावास आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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