Monsoon Break: 1901 के बाद से अब तक का सबसे सूखा अगस्त

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Monsoon Break
1901 के बाद से अब तक का सबसे सूखा अगस्त

Aaj Samaj (आज समाज), Monsoon Break, नई दिल्ली: मानसून पर लगे ब्रेक के कारण पूर्वोत्तर और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड को छोड़कर अगस्त में बारिश की भारी कमी रही है और इस तरह मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार अगस्त 1901 के बाद से अब तक का सबसे सूखा अगस्त बन गया है। बारिश की कमी के कारण अगस्त का औसत तापमान 27.55 डिग्री है, जबकि 29 दिन का औसत इससे ज्यादा रहा।

आज बारिश नहीं हुई तो इतिहास का सबसे गर्म माह

आज अगस्त का आखिरी दिन है और आज भी बारिश नहीं हुई तो अगस्त इतिहास का सबसे गर्म हो सकता है। अब तक अगस्त के 29 दिन में 25 दिन सामान्य से कम बारिश हुई है। दरअसल, अगस्त में मानसून का तीसरा ब्रेक चल रहा है जो इस सप्ताह के अंत तक जारी रह सकता है। अगस्त खत्म होने पर यह मानसून ब्रेक इतिहास का चौथा सबसे बड़ा मानसून ब्रेक होगा। इस अगस्त में 33 फीसदी कम बारिश हुई है और यह आंकड़ा बढ़कर 35 फीसदी हो सकता है। इस तरह यह अब तक अगस्त में बारिश की सबसे बड़ी कमी होगी।

जानिए कहां बारिश की कितनी कमी

दक्षिण भारत में बारिश की कमी 61 फीसदी, मध्य भारत में 44 फीसदी और उत्तर पश्चिमी भारत में 35 फीसदी तक है। 29 अगस्त तक भारत में 241 मिमी बारिश होती है लेकिन इस बार केवल 160 मिमी बारिश हुई है। यानी मानसूनी बारिश में 9 फीसदी की कमी है, अब सितंबर की सामान्य बारिश होने पर भी इसकी भरपाई संभव नहीं दिख रही। ऐसी स्थिति रही तो बीते आठ वर्ष में यह सबसे कम बारिश वाला मानसून रहेगा।

पूर्वोत्तर भारत में इन दिनों हो रही बारिश

इन दिनों के पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में बारिश हो रही है। असम में लगातार बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। अगस्त का एक दिन बचा है और देश के अधिकतर राज्य अब भी तर कर देने वाली बारिश को तरस रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, नॉर्थ-ईस्ट के कुछ राज्यों और दक्षिण के कुछ इलाकों को छोड़कर अच्छी-जोरदार बारिश होने की संभावना नहीं है।

अल-नीनो के कारण कमजोर पड़ा मानसून

मौसम वैज्ञानिकों ने बारिश की कमी की वजह अल-नीनो की सक्रियता, बंगाल की खाड़ी में स्ट्रॉन्ग सिस्टम न बनना और मानसून ट्रफ लाइन के एक सिरा का हिमालय की तराई में जाना बताया है। वैज्ञानिकों के अनुसार जब-जब अल-नीनो सक्रिय होता है, तब-तब भारत में मानसून कमजोर पड़ जाता है। इसकी वजह से देश के कई राज्यों में सूखा पड़ जाता है। पिछले 65 सालों में 14 बार अल-नीनो प्रशांत महासागर में सक्रिय हुआ है। इनमें 9 बार भारत में बड़े स्तर पर सूखा पड़ा।

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