सूरज स्कूल बलाना में वेस्ट मैनेजमेंट पर हुई मॉडल प्रतियोगिता

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Model competition on waste management in Suraj School Balana

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:

  • पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जरूरी है वेस्ट मैनेजमेंट – विजय यादव टूमना

वेस्ट मैटीरियल को डिस्पॉज ऑफ करने की नई तकनीक के बारे में सूरज स्कूल बलाना के बच्चों से सीखें। एक ओर जहां संपूर्ण स्वच्छता के नियमों की चारों ओर धज्जियां उड़ रही हैं। वहीं, दूसरी ओर सूरज स्कूल बलाना के छात्रों ने वेस्ट मैटीरियल को डिस्पॉज ऑफ करने की नई तकनीक ढूंढ निकाली है। इससे जहां स्कूल में सफाई व्यवस्था स्थायी तौर पर बनी रहेगी। वहीं, दूसरी ओर पर्यावरण को होने वाले नुकसान को भी कम किया जा सकता है। वर्तमान में बच्चों को लेज, कुरकुरे, नमकीन सहित अन्य प्लास्टिक पदार्थों में पैकिंग हुए वस्तुओं का स्वाद लेने की होड़ मची हुई है। अधिकतर बच्चे इस प्लास्टिक पैकटों को इधर-उधर फेंक देते हैं। इसके चलते पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। परंतु सूरज स्कूल बलाना के परिसर में सफाई व्यवस्था को चार चांद लगे हुए हैं। सूरज स्कूल बलाना में वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल पर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। स्कूल के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने वेस्ट मेट्रियल को कैसे उपयोग किया जाए इस पर मॉडल बनाए। विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इसमें चतुर्थ क्लास के बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया।

भारत में ई-वेस्टेज की मात्रा तेजी से बढ़ रही

विद्यालय के चेयरमैन विजय यादव टूमना ने की अगवाई में स्कूल में यह अभियान शुरू किया गया है। जिसे सफलता भी मिली है। उन्होंने कहा कि विकासशील देश होने के कारण भारत में ई-वेस्टेज की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। उसी अनुपात में उसे दोबारा प्रयोग में लाए जाने की प्रक्रिया भी अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वेस्ट मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। इस दौरान अध्यापकों, बच्चों के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन समिति एवं समाज के प्रबुद्ध बुद्धिजीवी वर्ग को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के बारे जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि भविष्य में अन्य लोगों और बच्चों को भी इस बारे में जागरूक किया जाएगा।

विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एसएस यादव ने बताया कि कार्यक्रम में बच्चों को वेस्ट मैटीरियल को अलग करते हुए उसे किस तरह से डिस्पोज ऑफ करना है, के बारे में बताया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को इस प्रकार की गतिविधियों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया ताकि समय रहते कचरे की समस्या से सामाजिक परिवेश को साफ-सुथरा रखते हुए आने वाली पीढ़ियों के जीवन को बचाया जा सके। कार्यक्रम में स्कूल स्टाफ सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

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