10 दिन तक लगाए पसंदीदा पकवानों का भोग
Ganesh Chaturthi Special, (आज समाज), नई दिल्ली: बुद्धि, सुख और समृद्धि के देवता भगवान गणेश के जन्मोत्सव का उत्सव है गणेश चतुर्थी। इस  साल ये त्योहार 27 अगस्त, 2025 को मनाया जाएगा। पूरे देश में गणपति बप्पा के आगमन की तैयारियां जोरों पर हैं। पंडाल सजाए जा रहे हैं, घर-घर में बप्पा की मूर्तियां विराजमान होने वाली हैं और बाजार में रौनक देखते ही बन रही है। गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिनों तक चलता। 10 दिन तक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। हर दिन भगवान गणेश को उनके पसंदीदा पकवानों का भोग लगाया जाता है।

मोदक तो गणपति का सबसे प्रिय प्रसाद है ही, लेकिन इसके अलावा भी कई व्यंजन हैं जो उन्हें अति प्रिय हैं। इस लेख के जरिए हम आपको बताएंगे कि 10 दिन तक आप किन-किन व्यंजनों को प्रसाद भगवान गणपति देव को अर्पित कर सकते है। ताकि आप पर सदैव गणपति की कृपा बनी रही।

मोदक

भगवान गणेश को मोदक सबसे अधिक प्रिय है। गणेश उत्सव के पहले दिन मोदक का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। इसे नारियल और गुड़ की फिलिंग के साथ चावल या गेहूं के आटे से बनाया जाता है।

मोतीचूर के लड्डू

मोतीचूर के छोटे-छोटे लड्डू भी गणपति को बहुत पसंद हैं। माना जाता है कि इसे भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

पूरन पोली

यह महाराष्ट्र का एक पारंपरिक पकवान है, जो गणेश उत्सव में विशेष रूप से बनाया जाता है। यह मीठी दाल से भरी हुई एक तरह की रोटी होती है।

बेसन के लड्डू

बेसन, घी और चीनी से बने ये स्वादिष्ट लड्डू भी गणेश जी को बहुत प्रिय हैं।

केले का भोग

केले को शुभ फल माना जाता है और यह भगवान गणेश को बहुत पसंद है। आप केले का प्रसाद या केले से बना हलवा भी चढ़ा सकते हैं।

मखाने की खीर

दूध, मखाने और मेवे से बनी खीर को भी गणपति के भोग में शामिल किया जाता है। यह खीर आर्थिक समस्याओं को दूर करने में सहायक मानी जाती है।

नारियल

नारियल को त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश का प्रतीक माना जाता है। इसलिए पूजा में नारियल का विशेष महत्व है। नारियल का भोग या नारियल के लड्डू भी चढ़ाए जा सकते हैं।

श्रीखंड

यह दही से बनी एक पारंपरिक मिठाई है, जो महाराष्ट्र और गुजरात में बहुत लोकप्रिय है। इसे केसर, इलायची और मेवे से सजाकर भोग लगाया जाता है।

चूरमा

राजस्थान में प्रसिद्ध चूरमा भी भगवान गणेश को बहुत पसंद है। इसे गेहूं के आटे और गुड़ से बनाया जाता है।

पंचामृत

यह पांच पवित्र चीजों दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल/जल को मिलाकर बनाया जाता है। यह हर पूजा में अनिवार्य रूप से शामिल होता है।

शुद्ध और सात्विक भोजन करें अर्पित

इसके अलावा, आप गणपति को खीर, सूजी का हलवा, पेड़े और सूखे मेवे भी अर्पित कर सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप जो भी प्रसाद चढ़ाएं, वह शुद्ध और सात्विक हो।

ये भी पढ़ें : आज बन रहा शिव योग का संयोग, 5 राशियों के लिए सौभाग्यशाली रहेगा दिन

ये भी पढ़ें : रविवार को करें सूर्य और भैरव भगवान की पूजा, कष्टों से मिलेंगी मुक्ति