महेंद्रगढ़ : वैज्ञानिक देंगे आधुनिक पशुपालन की जानकारी

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नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :

लुवास विश्वविद्यालय के हरियाणा पशु विज्ञान केंद्र, महेंद्रगढ़ पारंपरिक पशुपालन को वैज्ञानिक पद्धति से बदलने हेतू क्षेत्र के पशुपालकों हेतू डेयेरी प्रशिक्षण का आयोजन 28 जुलाई से करने जा रहा है। यह प्रशिक्षण सात दिन का होगा, जिसमे इच्छुक पशुपालकों को पंजीकरण हेतू आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र की कापी व 500 रु शुल्क जमा करवाना होगा। यह डेयेरी प्रशिक्षण विस्तार शिक्षा निदेशालय, लुवास यूनिवर्सिटी हिसार के अंतर्गत हरियाणा पशु विज्ञान द्वारा किया जायेगा। प्रशिक्षण के आयोजक डा. देवेंद्र यादव, डा. ज्योति, डा. धर्मवीर दहिया के दिशा निर्देशन में किया जाएगा जिसमें केंद्र के डा. जसमेर व डा. राजेन्द्र भी अपने अनुभव पशुपालकों के साथ सांझा करेंगे। इस प्रकार के प्रशिक्षण से किसानों को वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन करने के नवीनतम तौर तरीकों के बारे में बताया जाएगा जिससे किसान वैज्ञानिक पशुपालन द्वारा कृषि की तुलना में आसानी से अपनी आमदनी दुगनी कर सकते हैं। प्रशिक्षण में पशुपालन संबंधी  विभिन्न जानकारियां जैसे कि उत्तम नस्लों का चुनाव, प्रजनन प्रबंधन, डेयरी पशुओं का पोषण प्रबंधन, पशुओं में खनिज मिश्रण का महत्व, पशुओं की बीमारियां उनसे बचाव व टीकाकरण के बारे में विशेष रूप से बताया जाएगा ।

ट्रेनिंग के दौरान पशुपालक प्रतिभागियों को डेयेरी उद्योग के सफल पशुपालकों से भी मिलवाया जाएगा ताकि प्रतिभागी ऐसे सफल पशुपालकों से प्रेरणा ले सके और वो भी पशुपालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाए तथा अपनी आमदनी को बढ़ाएं। आयोजकों के अनुसार इस ट्रेनिंग में उनका मकसद गांव-गांव में पशुपालकों को डेयरी फार्मिंग की नयी-नयी वैज्ञानिक पद्धतियों को पहुंचना है ताकि हर किसान में पशुपालन के प्रति रुचि बढ़े। आज के शहरीकरण युग में दूध एवं दुग्ध पदार्थों की बढ़ती हुई कीमतों का सीधा फायदा किसानों तक पहुचें इसके लिए जरुरी हैं की किसान वैज्ञानिक पशुपालन करतें हुए आधुनिक तरीके से अपने उत्पाद की बिक्री करें। इन सब तथ्यों पर इस ट्रेनिंग में विस्तार से अलग-अलग विज्ञानिकों द्वारा बताया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान पशुपालन विभाग द्वारा लोन आदि योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इस केंद्र में ऐसे प्रशिक्षण शिविर समय-समय पर आयोजित किए जा रहें हैं।

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