Lucknow News : यूपी में इन्वेस्टमेंट के लिए बनाए जाएंगे चार स्पेशल जोन

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UP News : यूपी कैबिनेट के फैसले-पर्यटक आवास गृह निजी हाथों को लीज पर देंगे, डाटा सेंटर नीति में संशोधन
UP News : यूपी कैबिनेट के फैसले-पर्यटक आवास गृह निजी हाथों को लीज पर देंगे, डाटा सेंटर नीति में संशोधन
  • सीएम योगी की अध्यक्षता में यूपी कैबिनेट ने दी यूपी नोडल इन्वेस्टमेंट रीजन फॉर मैन्युफैक्चरिंग (निर्माण) एक्ट को मंजूरी

Lucknow News | निकिता सरीन | लखनऊ। अब यूपी में इन्वेस्टमेंट के लिए अलग-अलग हिस्सों में चार स्पेशल जोन बनाए जाएंगे। इसमें इंडस्ट्री के लिए जमीन, बिजली, पानी और सड़क जैसी सुविधाओं के साथ ही इन्हें इंडस्ट्रियल सिटी के रूप में डेवलप किया जाएगा। इसके लिए सरकार यूपी नोडल इन्वेस्टमेंट रीजन फॉर मैन्युफैक्चरिंग (निर्माण) एक्ट पास कराएगी। मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसके ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी गई ।

निकिता सरीन

बड़ी कंपनियों के बड़े निवेश के लिए बन रहा माहौल

दुनिया भर के निवेशकों को जरूरी सुविधाओं से वाले निवेश क्षेत्र की जरूरत होती है। विदेशी इन्वेस्टर यह भी चाहते हैं कि उन्हें कानूनी व तकनीकी अनुमति की प्रक्रियाओं में भी सरलीकरण मिले। जहां, यह सुविधाएं उपलब्ध हैं, उसका फायदा निवेश में मिलता है। तमिलनाड़ में एपल ने और महाराष्ट्र में मर्सिडीज बेंज ने अपनी यूनिट लगा रखी है। इस समय चीन के बाहर निकलने वाले कई बड़ी इंटरनेशनल कंनपियां इ्ंवेस्टमेंट के लिए भारत पर भी नजर गड़ाए हैं।

यूपी इन इंटरनेशनल कंपनियों के लिए मुफीद माहौल बना रहा है। यहां बड़े इन्वेस्टर को लाने के लिए गुजरात, कनार्टक व राजस्थान के तर्ज पर ‘निर्माण’ को लागू किया जा रहा है। यूपी में निवेश के लिए 2 लाख एकड़ लैंडबैंक की जरूरत है। फिलहाल पहले चरण में पूर्वांचल, बुंदेलखंड, सेंट्रल यूपी और वेस्ट यूपी में एक-एक क्षेत्र विकसित किया जाएगा।

यहां पर उद्योग लगाने वाले निवेशकों को अलग-अलग विभागों से ली जाने वाली सभी प्रकार की एनओसी प्राधिकरण के स्तर से ही मिल जाएगी। मास्टर प्लॉन में कोई भी बदलाव भी प्राधिकरण के स्तर से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि हमने अभी निवेश क्षेत्र की कोई न्यूनतम भूमि सीमा नहीं तय की है, लेकिन, सामान्यतया इसका आकार 5000 हेक्टेयर से अधिक का ही होगा।

सुरक्षाकर्मियों, व्यवसायिक शिक्षकों का भत्ता बढ़ा

सीएम और राज्यपाल के यहां तैनात सुरक्षाकर्मियों का प्रोत्साहन भत्ता 44% तक बढ़ाया गया है। वहीं, व्यावसायिक शिक्षा के शिक्षकों को भी प्रति क्लास 50% ज्यादा मानदेय मिलेगा। कैबिनेट ने वेतन समिति के प्रस्तावों पर मुख्य सचिव की अगुआई वाली कमिटी की संस्तुतियों को मंजूरी दे दी है।

सीएम व राज्यपाल के यहां तैनात सुरक्षाकर्मियों को हर महीने उनके मूल वेतन के 50% या अधिकतम 12,500 रुपये तक प्रोत्साहन भत्ता मिलता था। अब इसे बढ़ाकर 22,500 रुपये तक महीने कर दिया गया है। 656 सुरक्षाकर्मियों को इसका फायदा मिलेगा। वहीं, व्यावसायिक शिक्षा में मानदेय पर पढ़ाने वाले विशेषज्ञ शिक्षकों को इंटरमीडिएट स्तर पर प्रति क्लास 500 रुपये या अधिकतम 12 हजार रुपये महीने दिए जाते थे।

अब इस धनराशि को बढ़ाकर 750 रुपये प्रति क्लॉस या अधिकतम 15 हजार रुपये महीने कर दिया गया है। वहीं, हाईस्कूल में पढ़ाने पर अब 400 रुपये की जगह 500 रुपये प्रति क्लास मानदेय मिलेगा। वहीं, महीने में अधिकतम 12 हजार रुपये की जगह 15 हजार रुपये मानेदय पा सकेंगे। 2130 शिक्षकों को इस बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा।

लखनऊ-बनारस में एमएसएमई के लिए बनेगा कनवेंशन सेंटर

प्रदेश में औद्योगिक निवेश के अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने के जिए इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन एवं एमएसएमई के मध्य समझौते को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। दिल्ली के भारत मंडपम की तर्ज पर लखनऊ और वाराणसी में इस प्रकार का बड़ा कंवेंशन सेंटर या मल्टीपरपज हॉल बनाया जाएगा।

यहां, एमएसएमई से जुड़े लोग अपने-अपने उत्पादों का डिस्प्ले कर सकेंगे। इसके माध्यम से न सिर्फ औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि एमएसएमई से जुड़े लोगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। दिल्ली में निर्मित भारत मंडपम में निरंतर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के व्यापार मेलों का आयोजन किया जाता है। सेंटर बनने के बाद यूपी में भी इस तरह के आयोजन संभव हो सकेंगे।

एग्रीटेक पॉलिसी को मंजूरी

यूपी में खेती को आधुनिक बनाने, लागत कम करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए तकनीक से जोड़ने के लिए एग्रीटेक पॉलिसी लागू की जाएगी। मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में एग्रीटेक पॉलिसी को मंजूरी दे दी गई। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि यूपी में कृषि विकास दर 10% है। इसे बढ़ाकर 20% किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। एग्रीटेक इसमें अहम भूमिका निभाएगा।

तदर्थ शिक्षक पुन: मानदेय पर रखे जाएंगे

एडेड माध्यमिक स्कूलों में मानदेय पर काम करने वाले तदर्थ शिक्षकों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हटा दिए गए इन शिक्षकों को फिर से मानदेय पर रखा जा सकेगा। दरअसल, एडेड स्कूलों में प्रबंध तंत्र ने खाली पदों के सापेक्ष मानदेय पर शिक्षक रख लिए थे।

वे दो दशक से भी अधिक समय से पढ़ा रहे थे। ये नियमित किए जाने की मांग कर रहे थे। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी शिक्षकों को हटाने और इनकी जगह नियमित शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश दिए थे। एडहॉक या तदर्थ शिक्षकों को भर्ती परीक्षा में कुछ वेटेज देने का निर्देश दिया था।

इसके आधार पर 40 शिक्षक तो परमानेंट हो गए, लेकिन 2214 शिक्षक सड़क पर आ गए। अपनी समायोजन की मांग को लेकर वे लगातार धरना-प्रदर्शन के जरिए सरकार पर दबाव बना रहे थे। आखिरकार, सरकार ने उन्हें राहत देते हुए समायोजित करने का फैसला लिया है। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने बताया कि सहायक अध्यापक के सापेक्ष रखे जाने वाले एडहॉक शिक्षकों को 25 हजार रुपये और प्रवक्ता के पदों के सापेक्ष रखे जाने वाले शिक्षकों को 30 हजार रुपये महीने मानदेय मिलेगा।

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