Lockdown taught the style of virtual life: लॉकडाउन ने सिखाया वर्चुअल लाइफ का अंदाज

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कोरोना वायरस भी गजब का है। एक बार आज इस वायरस ने हमें परिवार के साथ बंद कमरे में जीना सीखा दिया है. सात्विक खाना खाना,सूर्यास्त के पहिले  उठ जाना, कोई लेट नाइट पार्टी नहीं , बाहर का पिज़्ज़ा पास्ता बंद.. रास्ते पर ना ही ट्रैफिक जाम , कोई हॉर्न का शोर शराबा नहीं,  बिलकुल प्रदूर्षण  नहीं, घर से बाहर निकलना बंद. घर से बहार निकलना भी है तो सिर्फ दूध और सब्ज़ो के लिए। .
यही हाल निजी दफ्तर में काम करनेवालों का है. सभी लोगो ने वर्क फ्रॉम होम का कॉन्सेप्ट अपना लिया. केंद्र सरकार के मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने ३० सितम्बर तक आईटी कम्पनीओ को वर्क फ्रॉम होम की इजाजत दे दी है , लेकिन इस वर्क फ्रॉम होम के कारण कई लोगो की नौकरिया चली जायेगी. ऐसे में लॉकडाउन के बाद भी सिर्फ ५०% स्टाफ को ही दफ्तर में आने की इजाजत दी जायेगी.
कोरोना ने लोगो को घर में रहकर वर्चुअल वर्ल्ड की पहचान करा  दी है, घर की चार दिवार में कैद होकर आप पूरी दुनिया से संपर्क में रह सकते है। अमेरिका स्थित टीचर आपको ऑनलाइन क्लास से सीखा रहा है टोक्यो को नौसी जामु आपको जापानीज भाषा घर में ही सीखा रही है।  आप दुनिया के किसी भी कौन में स्थित अपने दोस्त या कजिन भाई बहन के साथ पब्जी खेल सकते हो यहाँ तक की किसी अपरिचित व्यक्ति के साथ पब्जी  खेल सकते हो. लूडो जो हम बचपन में कार्ड बोर्ड पर खलेते थे वह भी  अब वर्चुअल हो गया है , आप लखनऊ या मुंबई स्थित अपने दोस्त के साथ यह गेम खेल सकते हो.
कोरोना के एक महीने के लोकडाउन ने हमें वर्चुअल दुनिया से परिचय करा दिया है।  घर के दादा दादी भी अभी सास बहु की टीवी सीरियल देखने की बजाय नेटफ्लिक्स , अमेज़ॉन पर वेब सीरीज देखने लगे है. वाईफाई और इंटरनटे का इस्तेमाल पिछले एक महीने में बढ़ गया है।  घर में छोटे बच्चो से लेकर बुजुर्ग आज वर्चुअल जमाने का शिकार हो गया है।
पिछले हफ्ते एक जो कोरोना नामक मेरेथॉन का आयोजन किया गया।  जिसमे देशभर के ३००० लोगो ने इसमें हिस्सा लिया। ऐसे तो मेरेथॉन  याने रास्ते पर दौड़ना।  लेकिन यह मेरेथॉन वर्चुअल थी. यानी की आपको घर के अंदर ही दौड़ना है एप्प  के सहारे. आप घर में जितना किलोमीटर दौड़ेंगे उतना आपके एप्प  में आता जाएगा. घर के लिविंग रूम , बेडरूम और किचन में लोगोने दौड़ लगायी।  सब कुछ वर्चुअल था। इस मेरेथॉन के आयोजक स्टराइडर्स माइल्स के दीपक लोंढे का कहना है की लोक डाउन में हर कोई घर में है. बाहर आप जा नहीं सकते ऐसे में हमने वर्चुअल रन  का आयोजन किया सुबह ६ बजे से लेकर शाम ६ बजे तक जिसमे जमशेदपुर, जामनगर जैसे शहर से लेकर अमेरिका और ब्रिटेन के लोगो ने भी घर में दौड़ लगायी। इस रेस में भाग लेने के लिए हमने २०० रुपये की फीस राखी करीब ६ लाख जमा हुए जो हम प्रधानम्नत्री के पीएम केर फंड में कोरोना के लिए देंगे
इस वायरस ने आज लोको को ज़ूम पार्टी कराना सीखा दिया है वही अब जन्मदिन का सेलिब्रेशन भी वर्चुअल हो गया है। यहाँ तक की शादी भी वर्चुअल हो गयी है गाजियाबाद के अविनाश और कीर्ति की शादी १४ अप्रैल को तय की गयी थी लेकिन कोरोना के कारण ट्रैन,फ्लाइट बंद होने से रिश्तेदार का आना संभव नहीं था ऐसे में दोनों ने वर्चुअल शादी की. कीर्ति अपने  माँ बाप के साथ अविनाश के घर पहुंची. अविनाश के घर उसके माँ बाप और बहने उनका स्वागत किया. बाकी रिश्तेदार वर्चुअल शामिल हुए यहाँ तक की पंडितजी भी वर्चुअल थे उन्होंने  शादी के मंत्रोचार किये और यहाँ अविनाश और कीर्ति ने सात फेरे लिए. बाकी रिश्तेदार और दोस्त उनके घर में ही यह वर्चुअल शादी देख रहे थे किसी ने वर्चुअल ही उनको आशीर्वाद दिए तो किसी ने फूल और अक्षत बरसाए . कीर्ति का कहना है की शादी के लिए पिछले ६ महीने से वह तैयारी कर रहे थे।  शादी का निमंत्रण भी बात दिया था।  ऐसे में शादी को बाद में करना ठीक नहीं था इसलिए फैसला लिया गया की क्यों नहीं वर्चुअल शादी ही की जाए। दोनों एक ही शहर में होने से पुलिस की इजाजत लेकर वह अविनाश के घर पहुंची और हो गया शुभ मंगल सावधान…
अभी तो ऑफिस का काम भी वर्चुअल हो गया है और बच्चे की पढ़ाई भी. अब वह दिन दूर नहीं जब बच्चो को पढाई के लिए स्कुल जाने की जरुरत नहीं है बल्कि घर में ही स्कूली शिक्षा मिल जायेगी. कोरोना के कारण मुंबई की कई स्कुल ने वर्चुअल एग्जाम ली है और एग्जाम के नतीजे भी वर्चुअल  ही दिए है.
अब तो पिज़्ज़ा की डिलीवरी भी ड्रोन कर रहा यही तब वह दिन दूर नहीं की पिज़्ज़ा भी की डिलीवरी भी वर्चुअल हो जाए. अगर कोरोना कुछ और दिन रहा तो जरूर किसीने किसी देश के वैज्ञानिक द्वारा वर्चुअल डिलीवरी का आविष्कार हो जाएगा
वर्चुअल गेमके कीड़े छोटे बच्चे हो गए है।  आप चाहे तो राजस्थान के रेगिस्तान या ऐल्प्स की वादीओ में गेम खेल सकते है दुनिया के किसी भी देश के शहर या गांव में वर्चुअल घूमने जा सकते हो इसके लिए न आपको कोई फ्लाइट बुक करने की जरुरत है न कोई होटल, मन चाहे वह बिंदास घूमो कोई वीजा की जरुरत नहीं है. ब्रेकफास्ट लन्दन में करो , लच न्यूयोर्क में और डिनर  सिड्नी में. साथ में फ़्रांस की सबसे महँगी शेम्पेन और इटली की मोजरिला चीज का लुफ्त भी उठा सकते हो।
 वर्चुअल दुनिया ने आज पूरी दुनिया को करीब ला दिया है लॉक डाउन में ही फेसबुक ने रिलायंस के जिओ में ९.९९ % का निवेश किया वही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने होने त्रिमासिक रिजल्ट भी वर्चुअल जारी किया.
वर्चुअल दुनिया ने हमें अच्छी तरह सीखा  दिया है की जो काम आप बाहर जाकर करते थे वह घर बैठे भी कर सकते हो. इस वर्चुअल दुनिया ने अब हमारा जीना भी कम पैसो में  करा दिया है. अब इश्क और  दोस्ती भी वर्चुअल होने लगी है, दोस्तों से मिलने जाने की जरुरत नहीं है।  गर्ल फ्रेंड से वर्चुअल बात कर सकते हो.
साथ ही भगवान् की पूजा भी वर्चुअल हो गयी है ईस्टर,अक्षय तृत्या ,राम नवमी  लोगो ने वर्चुअल मनाया. जब मन किया अयोध्या के राम लल्ला के दर्शन किये जब मन किया केदारनाथ धाम की पूजा कर ली..
वर्चुअल दुनिया ने आज हमारा काम आसान कर दिया है।  दुनिया के किसी भी कोने में जाकर हम वहाँ की दुनिया देख सकते है तो क्यों नहीं वर्चुअल बाबा का लुफ्त लॉक डाउन में कुछ और दिन उठाया जाए
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