कोविड से रिकवरी के बाद क्यों बीमार पड़ रहे हैं लोग

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कोरोना वायरस से पूरी दुनिया फिलहाल धीरे-धीरे उबर रही है। इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए लगातार वैक्सीन लगाए जा रहे हैं। अन्य तरह के उपाय भी किए जा रहे हैं। लेकिन अब इस संक्रमण से उबर रहे लोगों में भी कई तरह की बीमारियों और परेशानियों की शिकायत आ रही है। ऐसे में इस बारे में सही जानकारी रखना जरूरी है। इस बारे में विशेषज्ञों की सलाह पर अमल करने की जरूरत हैं।
कोविड से ठीक होने के बाद भी करीब 40 फीसदी मरीजों में कुछ लक्षण बने रहते हैं। जैसे की थकान एक सबसे कॉमन लक्षण है। कोरोना संक्रमण के खत्म होने के बाद मरीजों का कहना है कि उनमें किसी काम के लिए एनर्जी नहीं होती है, पर्याप्त आराम करने के बाद भी थकान रहती है। इसके अलावा उनमें सांस फूलने से लेकर बदन दर्द की भी शिकायत रहती है। कुछ मरीजों में नींद की समस्याएं भी है। वे पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं, लिहाजा अगले दिन वे फ्रेश नहीं रहते हैं। कई मरीजों का कहना है कि उनमें बुखार नहीं होती है लेकिन उन्हें अंदर से लगता है कि बुखार है। कोविड-19 से ठीक होने के बाद इस तरह की समस्याओं को ही लॉन्ग कोविड सिन्ड्रोम कहते हैं।
कोरोना वायरस न केवल एक ऐसा वायरस है जो न केवल हमारे फेफड़ों पर असर डालता है, बल्कि हमारे दिमाग, किडनी और दिल को भी प्रभावित करता है। समझना होगा ये वायरस रिसेप्टर्स के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करता है और ये रिसेप्टर्स हमारे शरीर में कई हिस्सों में मौजूदा होता है। ये वायरस दिल के इनर लाइनिंग में जाकर उसे प्रभावित करता है। इससे हमारे ब्लड क्लॉट करने की शक्ति भी प्रभावित होती है। इससे खून में थक्के जमने की टेंडेंसी बढ़ जाती है। ये थक्के शरीर के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचकर विभिन्न तरीकों से प्रभावित करते हैं। कोविड ठीक होने के बाद 4 सप्ताह के बाद भी अगर कोई लक्षण होता है तो इसे लॉन्ग कोविड कहा जाता है। ज्यादातर मामलों में ये लक्षण तीन से छह महीने तक के लिए रहता है। बहुत लोगों को लगता है कि यह रिकवरी प्रोसेस की ही समस्याएं हैं। इसलिए इसका ठीक से इलाज नहीं कराते हैं।
फेफड़ों के अलावा दिल और दिमाग पर भी इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। कुछ मामलों में किडनी और पेट पर भी इसका असर देखने को मिलता है। दिमाग की बात करें इसकी वजह से कई सारे लोगों में एंग्जाइटी लेवल बढ़ जाती है। कुछ लोगों के स्ट्रेस लेवल बहुत बढ़ जाते हैं। कुछ लोगों में डिप्रेशन या मन उदास होने जैसे समस्याएं भी रहती है। बुजुर्गों में या पहले से किसी बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए जरूरी है कि कोविड-19 से उबरने के बाद अपने ब्लड लेवल, ईसीजी करवाएं। कई बार यह भी देखा गया है कि ब्लड लेवल नॉर्मल आया और कुछ दिन के बाद फिर से समस्या हो गई। ऐसे में जरूरी है कि नियमित समय पर इसकी जांच कराते रहना चाहिए।

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