प्रेगनेंसी की पहली तिमाही से लेकर तीसरी तिमाही तक हो सकती है चक्कर आने की समस्या

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प्रेगनेंसी हर महिला के लिए खुशी का समय होता है, लेकिन इस एक खुशी के साथ उसे इतनी तरह की समस्याओं को भी झेलना पड़ता है, जिनका सामना उसने पहले कभी न किया हो। ज्यादातर ये समस्याएं शरीर में हार्मोन के उतार चढ़ाव की वजह से होती हैं। चक्कर आना भी प्रेगनेंसी की कॉमन समस्याओं में से एक है। ये परेशानी गर्भावस्था के छह हफ्ते बाद से शुरू होकर तीसरी तिमाही तक हो सकती है। जानिए प्रेगनेंसी के दौरान क्यों आते हैं चक्कर और इस स्थिति में क्या करना चाहिए।

पहली तिमाही में चक्कर आने की वजह

पहली तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस की वजह से महिला कई बार जरूरतभर की डाइट भी नहीं ले पाती और अगर किसी तरह ले ले तो उल्टी आदि की वजह से उसके शरीर में फूड और लिक्विड टिक नहीं पाता। इस कारण कई बार महिला को चक्कर आने लगते हैं। इसके अलावा हार्मोनल बदलावों की वजह से कई बार रक्त वाहिकाओं की दीवार चौड़ी हो जाती है, इस कारण बीपी लो होने लगता है और चक्कर की समस्या महसूस होती है।

दूसरी और तीसरी तिमाही में इसलिए होती है ये समस्या

दूसरी और तीसरी तिमाही में शरीर में ब्लड वॉल्यूम 30 फीसदी तक बढ़ जाता है। ऐसे में तमाम महिलाओं का ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और चक्कर महसूस होता है। इसके अलावा एनीमिया, शरीर में पानी की कमी या किसी अन्य कारण से भी चक्कर आने की समस्या हो सकती है।

क्या करें जब चक्कर आए तो

–  जब भी चक्कर आए तो सबसे पहले कमरे में आरामदायक स्थिति में बैठें और किसी की मदद से कमरे की खिड़की और दरवाजे खुलवाएं।

–  बाईं करवट लेट जाएं. इससे आपको काफी आराम महसूस होगा। कुछ देर बाद हल्का स्नैक या फ्रूट जूस वगैरह लें।

–  किसी से अपना ब्लड प्रेशर चेक करवाएं। यदि बीपी लो है तो कॉफी का सेवन करें या थोड़ा नमक व नींबू डालकर पानी पिएं. लेकिन अगर बीपी हाई है तो फौरन विशेषज्ञ से परामर्श करें।

–  शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें। इसलिए दिनभर में भरपूर पानी पिएं। बीच बीच में नारियल पानी, छाछ, लस्सी, नींबू पानी आदि भी ले सकती हैं।

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