Legally Speaking:मनी लांड्रिंग मामला: दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को झटका, दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की, पढ़े पूरी खबर विस्तार से

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आज समाज डिजिटल, नई दिल्लीः

1.मनी लांड्रिंग मामला: दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को झटका, दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की

मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित दिल्ली पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि निचली अदालत द्वारा जैन की जमानत याचिका खारिज करने में कोई त्रुटि नजर नही आती है। यह कहते हुए अदालत ने जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी।

इतना ही नहीं अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि आरोपी प्रभावी व्यक्ति है और उसके जेल से बाहर आने पर गवाहों और साक्ष्यों पर प्रभाव पड़ सकता है।

हाईकोर्ट ने कहा कि सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका के हर पहलू को गंभीरता से देखा गया और उसके बाद विचार किया गया कि सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका में मेरिट पर कोई आधार नहीं बन रहा है।

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सत्येंद्र जैन ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा भी जेल में काफी समय बिताने के बाद हाल ही में दिया। यह आधार भी बेल देने के लिए पर्याप्त नहीं है।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने ईडी और सतेंद्र जैन के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद 22 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जैन ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनोती दी थी, जिसमें अदालत ने उन्हें जमानत देने से इन्कार कर दिया था।

वही मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में दायर अपने जवाब में एजेंसी ने कहा था कि सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए क्योंकि उनकी रिहाई से आगे की जांच बाधित होगी। वह एक प्रभावशाली व्यक्ति है जो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

दरसअल सत्येंद्र जैन 12 जून 2022 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।
सत्येंद्र जैन को एजेंसी ने पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था। सतेंद्र जैन पर कथित रूप से उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिये धन शोधन करने का आरोप है।

2.अमृतपाल सिंह के साथियों को हाई कोर्ट ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल, 11 अप्रैल को अगली सुनवाई

खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथियों की याचीका पर सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की।
अदालत ने याचिकाकर्ताओं के वकील को कहा कि पहले अदालत में वह यह साबित करें की यह सभी कैदी जिन पर एनएसए लगाया जा चुका है, उनको लेकर बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका (हेबियस कॉर्पस )
कैसे दायर की जा सकती है? अदालत ने
वकील से पूछा कि आप 10 याचिकाएं दायर कर चुके है, लेकिन अभी तक यह नहीं बता पाए कि बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका कैसे सुनवाई योग्य है।

वही डिब्रूगढ़ जेल की अधीक्षक को पक्षकार बनाये जाने पर भी हाई कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कैदी असम की जेल मे हैं तो याचिका यहां कैसे दायर की जा सकती है? अदालत ने वकील से कहा कि आप असम जाएं या सुप्रीम कोर्ट। अदालत ने इन टिप्पणियों के साथ याचिकाकर्ता के वकील को कहा कि 11 अप्रैल मामले की अगली सुनवाई होगी, तब उन्हें यह बताना है कि उनकी याचीका कैसे सुनवाई योग्य है।

अमृतपाल सिंह के साथी बलवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके सहित पांच लोगों की याचिकाओं पर हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इन सभी ने एनएसए के लगाने के खिलाफ याचिकाएं दाखिल की है।

3.यूट्यूबर मनीष कश्यप को फिलहाल राहत नही, 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट करेगा याचीका पर सुनवाई

तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमले का फर्जी वीडियो वायरल करने के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर मनीष कश्यप को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत नही मिली है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष मनीष के वकील ने कहा कि
उसके ऊपर एनएसए लगाया गया है। जब तक सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई न करें तब तक के लिए एनएसए से राहत दी जाए। जिसपर सीजेआई ने कहा मामले को पढ़े बिना इस पर कोई आदेश नहीं जारी किया जा सकता है। यह कहते हुए अदालत ने 10 अप्रैल की सुनवाई की तारीख तय कर दी।

4. आबकारी नीति मामला: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचीका पर दिल्ली हाई ने सीबीआई को नोटिस जारी किया

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचीका पर गुरुवार को दिल्ली हाई ने सीबीआई को नोटिस जारी किया करते हुए दो हफ़्ते में जवाब मांगा है। मनीष की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट 20 अप्रैल को सुनवाई करेगा।

दिल्ली आबकारी नीति घोटाले मामले में
मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनोती दी है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पिछले शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सीबीआई द्वारा कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था। विशेष सीबीआई न्यायाधीश एमके नागपाल ने आदेश पारित किया। सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य सदस्यों पर रिश्वत के बदले कुछ व्यापारियों को शराब का लाइसेंस देने का आरोप लगाया गया है। ईडी और सीबीआई ने दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना द्वारा दिल्ली के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच का सुझाव देने के बाद कथित घोटाले की जांच शुरू की। रिपोर्ट के अनुसार, डिप्टी सीएम ने महत्वपूर्ण वित्तीय परिणामों वाली नीति को अधिसूचित करके वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया। हालांकि सिसोदिया को सीबीआई की चार्जशीट में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन उनके और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ जांच खुली रही। आप ने सिसोदिया के निर्दोष होने का दावा करते हुए दावों का खंडन किया है।

सिसोदिया के अनुसार, नीति और उसमें किए गए समायोजन एलजी द्वारा अधिकृत थे, और सीबीआई अब एक निर्वाचित सरकार द्वारा लिए गए नीतिगत निर्णयों की जांच कर रही है।

5.दिल्ली सरकार के टीचर्स को फिनलैंड भेजने का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने कहा 14 अप्रैल को होगी सुनवाई

शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने की शर्तों के साथ दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 14 अप्रैल को सुनवाई करेगा।

दिल्ली राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की।

सिंघवी ने कहा, “एलजी यह तय कर रहे हैं कि किस शिक्षक को भेजना है, कैसे भेजना है और कब भेजना है। यह शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम से संबंधित है।”

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘हम इस पर 14 अप्रैल, 2023 को सुनवाई करेंगे।’

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मार्च में सरकारी स्कूलों के प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के शहर सरकार के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी।

अपनी मंजूरी में, सक्सेना ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने ‘अतीत में आयोजित विदेशी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रभाव का आंकलन’ रिकॉर्ड पर लाने से इनकार कर दिया था।

सूत्रों के मुताबिक उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने फिनलैंड में प्राथमिक प्रभारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। लेकिन सभी को समान लाभ के दृष्टिकोण रखते हुए, एलजी ने प्राथमिक प्रभारियों की संख्या में वृद्धि अवश्य की है।

सूत्रों ने बताया कि फिनलैण्ड जाने वाले शिक्षकों के चयन में पारदर्शिता और सभी के साथ एक जैसा व्यवाहार नहीं होता दिख रहा था इसलिए एलजी ने 87 प्राथमिक प्रभारियों – 29 प्रशासनिक क्षेत्रों में से प्रत्येक से तीन प्रभारियों – को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुनने के निर्देश दिए थे।

6.औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजी नगर करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में औरंगाबाद शहर का नाम बदल कर छत्रपति संभाजी नगर करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका स्वीकार करने से बुधवार को इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सरकार के लोकतांत्रिक दायरे में आता है।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने यह भी उल्लेख किया कि यह विषय बॉम्बे हाईकोर्ट  के समक्ष विचाराधीन है। पीठ ने कहा कि हम इस विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को स्वीकार करने के इच्छुक नहीं हैं। हमें यह पसंद हो या नहीं, लेकिन यह सरकार के लोकतांत्रिक क्षेत्र में आता है। शहरों, सड़कों आदि का नाम चुनने वाले भला हम कौन होते हैं? यह निर्वाचित कार्यपालिका की शक्ति है।

हालांकि अभी इस मामले में यह देखना बाकी है कि बॉम्बे हाईकोर्ट का क्या रुख रहता है। क्या वो सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को ध्यान में रखते हुए शहरों के नाम बदलने का अधिकार विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आने की बात कह कर याचिका खारिज कर देता है या फिर कोई नई नजीर देकर औरंगाबाद के नाम को यथावत रखे जाने का आदेश पारित करता है। हालांकि संभावना यही है कि बॉम्बे हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी आने के बाद बहुत संयत आदेश ही जारी करेगा।

7.बलात्कारी हेड मास्टर को 10 साल तक पीसनी होगी जेल में चक्की, छात्राओं को ऑफिस बुलाकर करता था गंदा काम

ओडिशा की एक अदालत ने छात्राओं के यौन शोषण के आरोपी पूर्व प्रधानाध्यापक  को 10 साल की सजा सुनाई है। यह फैसला राज्य के सुंदरगढ़ जिले की पोक्सो अदालत ने सुनाया। मामला 2015 का है जब पूर्व हेडमास्टर देवानंद पटेल पर 11 छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश महेंद्र कुमार सूत्रधार ने पूर्व हेड मास्टर को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा का ऐलान बीते दिन बुधवार को किया।

आरोपी 62 वर्षीय देवानंद पटेल ने लेफ्रिपारा ब्लॉक के एक स्कूल के प्रधानाध्यापक के रूप में सेवा करते हुए 11 लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया था।

आरोपी देवानंद पटेल को 14 जून 2016 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में है। कोर्ट ने दोषी को 47 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं भरने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकारियों को 11 पीड़ितों को 28 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है। सरकारी वकील देवाशीष मिश्रा ने बताया कि अभियोजन पक्ष के 40 गवाहों के बयानों पर विचार करते हुए, POCSO कोर्ट के माननीय न्यायाधीश ने दोषी को 90 साल के कठोर कारावास का आदेश दिया है। हालांकि, दोषी को अधिकतम 10 साल की जेल की सजा काटनी होगी। क्यों कि दोषी को सुनाई गई सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसलिए उसे अधिकतम 10 साल की सजा ही भुगतनी होगी।

2015 में यह मामला तब सामने आया था, जब पीड़ित छात्राओं में से एक ने अपने परिजनों को इस बारे में बताया था। देवानंद पटेल गांव के प्राथमिक स्‍कूल में प्रधानाध्यापक था। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा जो सुंदरगढ़ के जिलाधिकारी भूपिंदर सिंह पुनिया ने जांच के आदेश दे दिए। विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपी पटेल फरार हो गया जिसके बाद प्रशासन ने उसे सस्पेंड कर दिया। बाद में पटेल पुलिस के हत्थे चढ़ गया। और अब जेल में चक्की चलाएगा।

8.गुवाहाटी हाईकोर्ट की प्लेटिन जुबली पर बोले रिजिजू ‘भारत की न्यायपालिका स्वतंत्र है और स्वतंत्र रहेगी’

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनी रहे। कानून मंत्री गुवाहाटी हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली समारोह संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत सरकार सभी मुद्दों पर न्यायपालिका को पूरा समर्थन देगी।

किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि देश में कानून का राज कायम रहे। उन्होंने कहा कि ई-कोर्ट परियोजना के लिए केंद्र ने इस साल बजट में 7000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। साथ ही कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि ई-कोर्ट परियोजना का यह चरण भारतीय न्यायपालिका को बदल देगा। हमारा उद्देश्य न्यायपालिका को डिजिटल बनाना है और यह सुनिश्चित करना है कि यह भविष्य में कागज रहित हो।

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि जब देश इस तरह के लंबित मामलों का सामना कर रहा है, तो हमारे पास प्रौद्योगिकी का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय की प्लेटिनम जयंती एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि यह देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के साथ मेल खाता है। हमें इस संस्था और इसकी गौरवशाली विरासत और इतिहास पर बहुत गर्व है।

उन्होंने कहा कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय समय की कसौटी पर खरा उतरा है और सभी के लिए न्याय और समानता को कायम रखा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस उच्च न्यायालय ने वर्षों में कई चुनौतियों का सामना किया है क्योंकि इसे अधिनियमित कानूनों के साथ-साथ आदिवासियों के प्रथागत और पारंपरिक कानूनों को बनाए रखना है। इसे संतुलन की रेखा बनाए रखनी है।

9.मनी लॉन्ड्रिंग मामला: झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की मुश्किल बढ़ी,ज़मानत याचीका पर SC करेगा सुनवाई टली

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की मुश्किलें बढ़ गई है। बेटी के इलाज के लिए पूजा सिंघल को मिली अंतरिम ज़मानत की अवधि 10 अप्रैल को खत्म हो रही है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर 13 अप्रैल को सुनवाई करेगा, ऐसे में उन्हें सरेंडर करना पड़ सकता है।

वही पूजा सिंघल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्ज फ्रेम (आरोप गठन) पर बुधवार को रांची की जिला अदालत में सुनवाई पूरी हो गई है। दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई होने के बाद कोर्ट ने आरोप तय के लिए 10 अप्रैल की तिथि तय की है।

अगर पूजा सिंघल के खिलाफ आरोप तय होते है तो उनके खिलाफ के खिलाफ ट्रायल शुरू किया जा सकता है। इससे पहले ईडी की विशेष कोर्ट ने 3 अप्रैल को अपना फैसला सुनाते हुए पूजा की बरी करने की याचीका को खारिज कर दिया था। डिस्चार्ज याचिका खारिज होने से पूजा सिंघल को बड़ा झटका लगा था। ईडी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट में मनरेगा घोटाला मामले में सुनवाई चल रही है।

पूजा सिंघल फिलहाल प्रोविजनल बेल पर है।सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कई शर्तों के साथ 2 महीने की अंतरिम जमानत दी है। इससे पहले कोर्ट ने पूजा सिंघल को 1 महीने की अंतरिम जमानत दी थी।

दरअसल पिछले साल 6 मई को ईडी ने पूजा सिंघल के आवास और उनसे जुड़े दो दर्जन से भी ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान पूजा के पति के सीए सुमन कुमार के ठिकानों से 19 करोड़ से ज्यादा नकद बरामद किये गये थे। इस मामले में पूछताछ के बाद ईडी ने 11 मई को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया था। पिछले साल 5 जुलाई को ईडी ने पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा और सीए सुमन सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

10.पैरालाइज्ड क्लाइंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए वकील साहब, कोर्ट ने मुकदमा उठाकर भेज दिया सीजेआई के पास

सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान वकील को फालिज के शिकार मुवक्किल को व्हीलचेयर पर कोर् रूम में ले जाना भारी पड़ गया। वकील की इस हरकत पर कोर्ट बुरी तरह भड़क गई और मुकदमे को अपनी कोर्ट से ही हटा कर चीफ जस्टिस के पास भेज दिया।

दरअसल यह मामला एक बीमा कंपनी से मिलने वाले मुआवजे से जुड़ा था। कोर्ट ने नवंबर 2019 में नोटिस जारी करते हुए बढ़ा मुआवजा देने पर रोक लगा दी थी। 5 अप्रैल को जब इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि उनके मुवक्किल यानी याचिकाकर्ता खुद कोर्ट में मौजूद हैं। वकील की इस दलील पर बेंच नाराज हो गई और बेंच को लगा कि वकील ने जानबूझकर सहानुभूति हासिल करने के लिए याचिकाकर्ता को व्हीलचेयर के साथ पर कोर्ट में पेश कर दिया।

जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस PV संजय कुमार की बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि ‘याचिकाकर्ता के वकील कह रहे हैं कि वो पैरालाइज्ड हैं और कोर्ट में सुनवाई के लिए मौजूद हैं। हमें समझ में नहीं आ रहा है कि याचिकाकर्ता को कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर आने की क्या आवश्यकता पड़ी? खासकर ऐसी स्थिति में जब उनकी शारीरिक स्थिति ठीक नहीं है। कोर्ट ने तो कभी उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के लिए कहा ही नहीं और न ही ऐसी उम्मीद की’। बेंच ने इस बात पर जोर दिया कि मामले की सुनवाई बगैर याचिकाकर्ता के व्यक्तिगत मौजूदगी के भी हो सकती थी।

बेंच की नाराजगी इतनी बढ़ी कि मामले को अपने पास से ही हटा दिया और मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया। बेंच ने आदेश दिया कि इस मामले को दोबारा CJI के सामने रखा जाए, ताकि वह किसी और बेंच को इसे असाइन कर सकें।

11.बिहारी प्रवासियों पर हमले का फर्जी वीडियोः प्रशांत उमराव को अग्रिम जमानत, बिना शर्त मांगनी होगी माफी

तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले के वायरल वीडियो मामले में तमिलनाडु पुलिस द्वारा बीजेपी नेता और वकील प्रशांत उमराव को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत उमराव को अग्रिम जमानत तो दी साथ ही यह हिदायत भी दी है कि प्रशांत उमराव बिना शर्त माफी मांगेगे।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेशों में लिखा है कि प्रशांत उमराव को किसी भी मामले में गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। केवल एक ही मामले में जांच जारी रहेगी। अग्रिम जमानत का आदेश बाकी सभी एफआईआर पर लागू होगा।

इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा दी गई अग्रिम जमानत शर्तों को भी संशोधित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब प्रशांत उमराव 10 अप्रैल को तमिलनाडु पुलिस के सामने पेश होने होकर अपना पक्ष सामने रखें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशांत उमराव खुद वकील भी हैं इसलिए उन्हें जवाबदेह भूमिका निभानी चाहिए। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत उमराव की याचिका पर तमिलनाडु सरकार को नोटिस भी जारी किया है।

12. ज्ञानवापी शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर रिपोर्ट न मिलने से तमतमाया इलाहाबाद हाईकोर्ट, एएसआई के डीजी को जमकर लताड़ा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की महानिदेशक वी. विद्यावती को जमकर लताड़ लगाई है।  हाईकरोट  ने एएसआई से ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की आयु का सुरक्षित मूल्यांकन के मुद्दे पर राय मांगी थी। लेकिन एएसआई अभी तक इस मुद्दे पर कोई रिपोर्ट हाईकोर्ट को नहीं दे पाया है। इस पर हाईकोर्ट ने उन्हें जमकर फटकार लगाई ।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा ने ASI अधिकारियों के रवैये को “सुस्त” बताया साथ ही महानिदेशक वी. विद्यावतीको 17 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का समय दिया है।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने ASI अधिकारी वी. विद्यावती को फटकार लगाते हुए कहा कि उनकी ये निष्क्रियता अदालती कार्यवाही में बाधा डाल रही है। हालांकि, अदालत ने ASI को  17 अप्रैल तक मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आखिरी मौका दिया है। हाई कोर्ट ने कहा निश्चित रूप से, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक की ओर से यह सुस्त रवैया निराशजनक है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक का पद संभालने वाले एक बड़े अधिकारी को इस मामले की गंभीरता को समझाना चाहिए और मुख्य रूप से इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायालय के आदेशों का सम्मान करना चाहिए।

न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा,  लक्ष्मी देवी और अन्य तीन लोगों द्वारा दायर एक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रहे है। जिन्होंने वाराणसी कोर्ट के आदेश को 14 अक्टूबर, 2022 को चुनौती दी थी। वाराणसी की अदालत ने 16 मई 2022 को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पाए गए शिवलिंग जैसी संरचना की वैज्ञानिक जांच कराने के लिए हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया था।

13.भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे संदिग्ध मौत मामलाः कोर्ट में हाजिर होगा विवेचक, बताएगा होटल के रूम से क्या-क्या मिला

भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे संदिग्ध मौत मामले में आकांक्षा की मा मधु दुबे ने अपने अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी के जरिये कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर विवेचना के पर्यवेक्षण करने व केस डायरी को  विवेचक सहित तलब करने  का प्रार्थना पत्र दिया है। आकांक्षा की मां के अर्जी पर इस मामले क विवेचना करने वाला अधिकारी कोर्ट में हाजिर होगा और बताएगा कि जांच कहां तक पहुंची है। जांच अधिकारी कोर्ट को यह भी बताएगा कि होटल के कमरे में क्या-क्या मिला। अब तक पुलिस की जांच कहां तक पहुंची। कोर्ट ने जांच अधिकारी को समस्त दस्तावेजों के साथ 10 अप्रैल को कोर्ट रूम में हाजिर होने का हुक्म दिया है।

उधर, पीड़ित परिवार के आरोपों के बीच अब पुलिस ने मामले में नामजद भोजपुरी गायक समर सिंह पर शिकंजा कसने के लिए उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। पीड़ित परिवार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से केस की सीबीआई जांच की गुहार लगाने के बाद पुलिस हरकत में आई है।

एसीपी सारनाथ ज्ञान प्रकाश राय के मुताबिक आकांक्षा दुबे की मौत के मामले में नामजद समर उर्फ समरजीत सिंह के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। आरोपी के बारे में जानकारी, केस और पासपोर्ट का विवरण एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेज दिया गया है। सभी एयरपोर्ट प्रबंधन को भी अलर्ट किया गया है, ताकि समर सिंह देश छोड़कर फरार न हो सके। सारनाथ पुलिस आजमगढ़ सहित पूर्वांचल के कई जनपदों और बिहार, झारखंड व मुंबई में दबिश दे चुकी है। लेकिन, आरोपी पकड़ से बाहर हैं।
आकांक्षा ने नहीं पी थी शराब, क्या था भूरे रंग का तरल पदार्थ

भोजपुरी एकट्रेस आकांक्षा दुबे के परिवार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। आकांक्षा दुबे की मां मधु दुबे के अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने कहा कि पुलिस के मुताबिक आकांक्षा दुबे को जिस बार में पार्टी दी गई थी, वहां टेबल एक दंपती के ने रिजर्व कराई गई थी। आकांक्षा दुबे ने पार्टी में शराब पी थी लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पेट में खाना और तरल पदार्थ नहीं पाया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी कलाई पर चोट का निशान बताया गया है। अधिवक्ता के मुताबिक अब पुलिस को बताना चाहिए कि आकांक्षा के पेट में पाया गया 20 एमएल का भूरे रंग का तरल पदार्थ क्या था?

भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे 26 मार्च को वाराणसी के सारनाथ स्थित एक होटल के कमरे में मृत अवस्था में मिली थी। उनकी मां मधु दुबे की तहरीर के आधार पर सारनाथ थाने में भोजपुरी गायक समर सिंह और उसके भाई संजय सिंह के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।

14. उमेश पाल हत्याकांडः अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की जमानत अर्जी गुरुवार को जिला न्यायालय ने खारिज कर दी। शाइस्ता ने अपनी अर्जी में कहा था कि उसका इस घटना से न कोई लेना देना है और न ही कोई मतलब मगर उसे सियासी रंजिश में फंसाया गया है।

उमेश पाल हत्याकांड मामले में शाइस्ता फरार होने की वजह से 25 हजार रुपये की इनामी हो चुकी है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। गिरफ्तारी से बचने के लिए शाइस्ता ने जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी।

अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश में कई जगह दबिश दी जा रही है। लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। हत्याकांड की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है, शाइस्ता की भी भूमिका सामने आ रही है। ऐसे में पुलिस उन पर भी इनाम बढ़ा सकती है। शाइस्ता पर इस समय 25 हजार का इनाम है। उन पर पहले 50 फिर ढाई लाख का इनाम घोषित किया जा सकता है।

उमेश पाल हत्याकांड में एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही शाइस्ता परवीन लापता हैं। उन्होंने अपने वकीलों के माध्यम से कई हाईकोर्ट और जिला न्यायालय में कई याचिकाएं दाखिल कीं। पुलिस उन्हें लगातार ढूंढ रही है। साबिर के साथ सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद शाइस्ता की तलाश तेज कर दी गई।

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