हकेवि में भारत-नेपाल संबंधों पर कोविड-19 संकट पर व्याख्यान

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नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में भू-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में भारत-नेपाल संबंधों पर कोविड-19 संकट का प्रभाव विषय पर वेबीनार के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत चौथा विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग और भूगोल विभाग के साझा प्रयासों से आयोजित हुआ। इस व्याख्यान की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने की। कार्यक्रम में नेपाल संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के संसद सदस्य डॉ. अमरेश सिंह विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के इस आॅनलाइन व्याख्यान की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई। इसके पश्चात विश्वविद्यालय की प्रगति को प्रदर्शित करने वाली डाक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई। इसके पश्चात मौलिक विज्ञान पीठ के अधिष्ठाता डॉ. विनोद कुमार ने विषय परिचय प्रस्तुत किया और अतिथियों का स्वागत किया। इसी क्रम में राजनीति विज्ञान विभाग के सह-आचार्य डॉ. रमेश कुमार ने कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ का परिचय प्रस्तुत किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने अपने सम्बोधन में मुख्य वक्ता का स्वागत किया और आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विश्वविद्यालय द्वारा करवाए जा रहे आयोजनों से मुख्य वक्ता को अवगत कराया। कुलपति ने कहा कि कोरोना महामारी ने प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि बेशक कोरोना काल के दौरान हमारे समक्ष बहुत चुनौतियां आई हैं लेकिन चुनौतियों के साथ-साथ हमें अवसर भी मिले हैं। ये हमारी कार्यशैली और सोच पर निर्भर करता है कि हम इन अवसरों का सकारात्मक तरीके से कैसे उपयोग करें। कुलपति ने कोरोना के संकट से निपटने के लिए माननीय प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के कार्य की सराहना की और कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के प्रति श्रद्धांजलि दी। प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने भारत और नेपाल के रिश्तों की गहराई जिक्र करते हुए बताया किस तरह से दोनों देशों के रिश्तें पुरातन काल से जुड़े हुए हैं।
विशेषज्ञ व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ. अमरेश कुमार सिंह ने भारत नेपाल रिश्तों के ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में भारत और नेपाल के मध्य हिंदू धर्म दोनों देशों में सामान्य धर्म है। उन्होंने कहा कि चीन हमारा मित्र है परंतु भारत हमारा सबसे अच्छा मित्र है। डॉ. सिंह ने बताया कि भारत और नेपाल किस तरह से राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृति व भावानात्मक एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान भारत नेपाल संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं। हालांकि उन्होंने चिंता जाहिर की कि कोरोना के कारण अनौपचारिक  व्यापार पर प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा भारत और नेपाल प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे से जुड़े हुए है। व्याख्यान के पश्चात सवाल-जवाब सत्र के दौरान मुख्य वक्ता ने प्रतिभागियों के प्रश्नों के जवाब दिए।

इससे पूर्व अंतर्राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला के संयोजक डॉ. शांतेश कुमार सिंह ने मुख्य वक्ता का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के निदेशक प्रो. राजवीर दलाल ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए बताया कि अंतर्राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला का यह चौथा व्याख्यान है। उन्होंने बताया कि भारत और नेपाल के संबंधों की जड़ें बहुत गहरी हैं। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मनीष कुमार ने आयोजन समिति के सदस्यों डॉ. चंचल कुमार शर्मा, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. खेराज, डॉ. जितेंद्र कुमार, डॉ. ग्लोरिया कुजूर व सुश्री श्वेता सोहल का सफल आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया। विशेषज्ञ व्याख्यान में विभिन्न व्याख्याताओं, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. श्वेता सोहल ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सुश्री ग्लोरिया कुजुर ने प्रस्तुत किया।

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