पानी की बचत और आमदनी दोगुनी की राह पर लखविंद्र

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Farmer Lakhwinder in his fields
Farmer Lakhwinder in his fields

कैथल (मनोज वर्मा) सीवन खंड के गांव खेड़ी गुलाम अली के किसान लखविंद्र समाज के प्रति अपना बखूबी से दायित्व निभाते हुए पानी की बचत और आमदनी दोगुनी करके एक मिसाल कायम की है। उनका मानना है कि धीरे-धीरे पानी की कमी हो रही है और जल स्तर भी गिरता जा रहा है, इसलिए भविष्य में अगली पीढ़ी हेतू पानी सरंक्षण के लिए सभी को जागरूक होकर जल बचाने की मुहिम में आगे आना होगा। उन्होंने पिछले वर्ष एक एकड़ में सीधी बिजाई की थी, जिसका फायदा देखने के बाद अब 7 एकड़ में सीधी बिजाई कर रहा है।

जीवन में बदलाव से कराया अवगत

किसान लखविंद्र सिंह ने अपने पहले और अब तक में आए बदलाव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पहले जहां अपनी जमीन में धान की फसल में नालों के माध्यम से पानी तथा धान की फसल में अधिक पानी व मेहनत भी ज्यादा होती थी, फसल भी इतनी अच्छी नही होती थी, परंतू अब काफी बदलाव हुआ है। सरकार द्वारा चलाई जा रही जल संरक्षण की मुहिम हेतू यह कदम उठाया है, जिससे मेहनत कम और फसल अच्छी होने से आय भी दोगुणी हुई है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन्होंने अपने खेतों में वॉटर पाईप लाईन लगाई, जिससे सीधा पानी खेतों में पहुंचा।

सफल रही धान की सीधी बिजाई

पिछले वर्ष भी एक एकड़ में धान की सीधी बिजाई की थी, जो सफल रही और अब नई विधि यानी धान की पनीरी मेड़ के ऊपर लगाई है, जिससे पानी की 50 प्रतिशत की सीधे तौर पर बचत है। इस विधि में धान की 15-20 दिन की पनीरी लगाई जाती है। पनीरी लगाने से पहले खेत को तैयार किया जाता है और आलू बोने की मशीन या मक्का बोने वाली मशीन से मेड बनाई जाती है। मेड बनाने के लिए मक्के वाली मशीन विभाग द्वारा फ्री में उपलब्ध करवाई गई है। जिसमे मेड से मेड का फैसला 2 फुट होता है। इस विधि में पानी के अंदर जुताई (कदू) नही करना पड़ता और पानी सिर्फ मेढ़ में दिया जाता है जिससे 50 प्रतिशत पानी की बचत के साथ जो पानी दिया जाता है वो सीधे नीचे भूमि में रिचार्ज होता है, जिससे भूमिगत जल संरक्षित होता है। पनीरी की रोपाई लाइन से लाइन 1 फुट और पौधे से पौधे की दूरी 6-8 इंच होती है। इस विधि में थोड़े दिन की पनीरी (15-25 दिन ) लगाने के कारण पैदावार बढ़ती है जो हम पानी मे जुताई करने वाले खेत मे नही लगा सकते।

उपनिदेशक डा. कर्मचंद बोले

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. कर्मचंद ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई गई मुहिम के तहत किसानों को सीधी बिजाई के लिए जागरूक किया जा रहा है, जिसे किसान अपना भी रहे हैं और मुनाफा भी कमा रहे हैं और इससे जल शक्ति अभियान को भी बढ़ावा मिल रहा है। किसान अपने खेतों में धान की सीधी बिजाई, बेड के ऊपर बिजाई और मेड़ के ऊपर पनीरी लगाने की तकनीकी को अपना रहे हैं, जिससे पानी की बचत हो रही है और भू जल स्तर में काफी सुधार हो रहा है।

 

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