दिन में डायलिसिस रात को निकलती थी किडनी, जब दिल्ली पुलिस हुई अलर्ट तब जागा सोनीपत

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Kidney Removal Work In Gohana
Kidney Removal Work In Gohana

आज समाज डिजिटल, गोहाना (Sonipat): गोहाना के रिहायशी इलाके में किडनी निकालकर बेचने का खेल होता रहा और प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। जब दिल्ली पुलिस हरकत में आई तो पता लगा कि किडनी प्रत्यारोपण कराने वाला गोहाना में पूरा खेल कर रहा था। पता लगने के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और कमेटी बनाकर जांच शुरू की।

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अपना अस्पताल चलाता था सोनू रोहिल्ला

गुरुवार को नागरिक अस्पताल गोहाना से डॉ. संजीव के नेतृत्व में छह सदस्यों की टीम खानपुर मोड़ के निकट श्री रामचंद्रा अस्पताल में जांच के लिए पहुंची। अस्पताल पर ताला लगा मिला, जिस पर टीम ने आसपास के घरों में जाकर लोगों से आरोपी झोलाछाप चिकित्सक सोनू रोहिल्ला के बारे में पूछताछ की। रोहतक के गांव मकड़ौली का सोनू रोहिल्ला गोहाना में पानीपत रोड स्थित खानपुर मोड़ के निकट श्री रामचंद्रा अस्पताल चलाता था। सोनू रोहिल्ला किडनी प्रत्यारोपण कराने वाले गिरोह से जुड़ा था। दिल्ली स्थित हौज खास थाना पुलिस ने रविवार को अस्पताल में छापा मारकर सोनू रोहिल्ला और एक अन्य व्यक्ति को काबू किया था। पुलिस ने यहां शिकायतकर्ता के साथ छापा मारा था। पुलिस ने रविवार को अस्पताल से सामान जब्त करने और सोनू रोहिल्ला समेत दो लोगों को पकड़ने के बाद ताला लगा दिया था।

10 लोगों की गिरफ्तारी के बाद जागा सोनीपत

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें सोनू रोहिल्ला शामिल है। अब सिविल सर्जन डॉ. जयकिशोर ने सोनू रोहिल्ला के बारे में पूरी जानकारी जुटाने के लिए डॉ. संजीव के नेतृत्व में टीम गठित की। टीम में डॉ. नीरज यादव, अस्पताल के खंड शिक्षक विस्तारक राजेश भारद्वाज, एलएचवी बिमला देवी, स्वास्थ्य निरीक्षक ब्रह्मजीत, एएनएम प्रेम देवी और उस क्षेत्र की आशा वर्कर को शामिल किया गया है।

डेढ़ साल से चल रहा था यह अस्पताल

टीम गुरुवार दोपहर बाद अस्पताल में जांच करने पहुंची तो वहां ताला लटका मिला। टीम ने अस्पताल से सटे घरों और आसपास रहने वाले लोगों के पास जाकर सोनू रोहिल्ला के बारे में जानकारी जुटाई। टीम ने छह-सात लोगों के बयान दर्ज किए। लोगों ने बताया कि अस्पताल करीब डेढ़ साल से चल रहा था। यहां रात के समय लोगों को लाया जाता था। बाहर के लोगों को यहां आने-जाने नहीं दिया जाता था। बाहरी लोगों को रिसेप्शन पर रोक लिया जाता था। एसएमओ डॉ. कर्मबीर सिंह ने कहा कि रिपोर्ट तैयार करके उच्च अधिकारियों के पास भेज दी जाएगी।

अस्पताल में करने लगा था डायलिसिस

श्री रामचंद्रा अस्पताल में मुख्य रूप से किडनी संबंधी रोगों का उपचार होने का प्रचार किया गया था। अस्पताल में किडनी के विभिन्न तरह के उपचार के बारे में लिखा गया है। अस्पताल में डायलिसिस का भी प्रबंध किया गया था। आसपास के लोगों का कहना है कि प्रत्येक सप्ताह यहां आॅक्सीजन सिलिंडरों से भरी गाड़ी आती थी। इसके बारे में अगर कोई बाहरी व्यक्ति अस्पताल के स्टाफ से चर्चा करता तो कह दिया जाता कि कोरोना मरीजों के उपचार के लिए प्रबंध किया गया है। अस्पताल में झोलाछाप चिकित्सक के साथ दो सहायक व सफाई कर्मी ही काम करते थे।

शनिवार या रविवार रात को चलता था धंधा

आसपास के लोगों ने बताया कि अस्पताल में दिन के समय कुछ नहीं होता था। अस्पताल सोमवार से शुक्रवार तक दिन और रात को अक्सर वीरान ही रहता था। लेकिन शनिवार और रविवार रात को तीन से चार बड़ी गाड़ियां आती थीं। उन गाड़ियों को अस्पताल के सामने या अंदर न खड़ी करके दो सौ मीटर दूर अलग-अलग जगहों पर खड़ी करवाई जाती थीं। इसके बाद लोग पैदल अस्पताल पहुंचते थे। गिरोह द्वारा इसी अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण किया जाता था। दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया है कि यहां करीब 14 लोगों की किडनी का प्रत्यारोपण किया गया है। लोगों का कहना है कि यह धंधा करीब एक साल से चल रहा था, जिससे किडनी प्रत्यारोपण की संख्या बहुत अधिक हो सकती है।

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