Jammu Kashmir and Government decision: जम्मू कश्मीर और सरकार का संकल्प

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आज जम्मू कश्मीर में जितनी सेना और अन्य सुरक्षा बलों का जमावड़ा है उतना भारत पाकिस्तान के युद्धों के समय भी नहीं रहा है जब कि सीमा पर जंग छिड़ी थी। लेकिन यह स्थिति अचानक कैसे हो गयी इस पर अभी कुछ भी आधिकारिक रूप से नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि सरकार ही यह बता सकती है कि वह क्यों और किस उद्देश्य से जम्मू कश्मीर में इतना अधिक सुरक्षा के इन्तेज़ामात कर रही है। पर ऐसी बातें सरकारें गोपनीय रखती हैं और यह असामान्य बात नहीं है। अब एक नज़र जम्मू कश्मीर के कुछ ऐतिहासिक घटनाक्रम पर भी डालते हैं।

2015 से तो जम्मू कश्मीर में भाजपा सत्ता में रही है। पहले वह पीडीपी के साथ गठबंधन कर के सत्ता में थी। उसका उपमुख्यमंत्री भी था। संघ के राम माधव वहां सारा कामधाम देखते थे। अब भाजपा गवर्नर के माध्यम से सत्ता में है। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ, कि अमरनाथ यात्रा अचानक बंद करनी पड़ी और सबसे अधिक फोर्स का मूवमेंट आज कश्मीर में करना पड़ रहा है ? अभी तक तो सरकार का यह बयान आ रहा था कि, कश्मीर के हालात बेहतर हैं और अब अचानक यह यात्रा स्थगित कर देना कोई अशनि संकेत तो नहीं है ?

खुफिया सूचना के बावजूद, 1999 में करगिल घुसपैठ और युद्ध हुआ था। जिसमे 1965, और 1971 के युद्धों के आकार की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक सैन्यहानि हुयी थी। करगिल के घुसपैठ की अग्रिम सूचना तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को रॉ ने दे द

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