करनाल: करनाल पानी-पानी, शहर और सेक्टर तलैया

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heavy rain in the city
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प्रवीण वालिया, करनाल:

उमस और गर्मी से कई दिनों से लोग हाय-तौबा कर रहे थे वहीं इन्द्रदेव की ओर टकटकी लगाए बैठे लोग बेसब्री से बाारिश का इंतजार भी कर रहे थे। इन्द्रदेव खूब मेहरबान हुए और शहर में जोरदार बारिश से अनेक जगहों पर ताल तलैया जैसी स्थिति बन गई। हालांकि मानसून से पहले प्रशासन ने पानी निकासी के दावे तो हर बार की तरह किए लेकिन प्रशासन के दावे ठुस्स होते नजर आए। लगातार कई घंटे जमकर बारिश हुई। गर्मी से बेशक लोगों को राहत मिली लेकिन दूसरी ओर शहर में जगह जगह पानी जमा होने से राहगिरों को काफी परेशानी भी हुई। यूं कहें कि मानसून की पहली बरसात ने ही प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी है। नमस्ते चौक पर पहली ही बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी। नमस्ते चौक पर शहर की खूबसूरती के लिए बनाए जाने वाली दिवारें भी बारिश में धराशायी हो गई। हालांकि शहर को खूबसूरत तो बनाया जा रहा है और खूबसूरती पर करोड़ों रुपए खर्च भी किए जा रहे हैं लेकिन मानसून की पहली बरसात में ही दिवारों के टूट जाने से कहीं न कहीं ठेकेदार व संबंधित अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी प्रशन चिन्ह लगता नजर आ रहा है।

यूं तो बारिश से पूरा करनाल ही प्रभावित हुआ है लेकिन बारिश के बाद से जो कालोनियों व सडकों पर कीचड़ व पानी ही पानी जमा हुआ उससे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानियां उठानी पड़ी। यूं कहिए कि कुछ संभले तो कुछ गिरे। नजारा कुछ इसी तरह का था। सडकों पर भरे लबालब पानी में कारें, स्कूटी, मोटरसाईकिल व अन्य वाहन डूबते रहे। मजबूरन लोग पानी में से गुजरते रहे। सैक्टरों में भी स्थिति बद से बदतर रही। सडकों पर पानी 3- 3 फुट तक जमा हो गया। जिसमें से लोगों को निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा। रेलवे रोड, सैक्टर-14, घंटा घर चौक कर्ण गेट,सैक्टर-6,सैक्टर-7, भगवान वाल्मीकि चौक,पुरानी नगरनिगम, इत्यादि क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हो गए। सैक्टर 5 में पेड़ भी गिरें। इस तरह से पहली मानसून से शहर का कोई कोना ऐसा नहीं बचा जहां कीचड़ व दलदल का साम्रज्य न बना हो। आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि गर्मी से तो लोगों को राहत मिली है लेकिन बरसात के बाद से पूरा शहर ताल तलैया बनना लोगों को काफी अखरा। बारिश के पानी की निकासी का कोई उचित प्रबंध न होने से लोगों ने प्रशासन को कोसा।

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