करनाल : जैसा कर्म होगा, वैसा ही बन जाएगा भाग्य : मनोज महाराज

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प्रवीण वालिया, करनाल:
सहारनपुर से पधारे कथाव्यास श्री मनोज जी महाराज ने कहा कि सतकर्म रूपी पुष्पक विमान में बैठकर ही प्राणी परमात्मा के दिव्यलोक के दर्शन कर सकता है। मनुष्य जैसा कर्म करता है, उसका भाग्य भी वैसा ही बन जाता है। इसलिए सदैव सतकर्म करो। स्वामी मनोज महाराज श्री कृष्णा मन्दिर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन कर रहे थे। 2 सितंबर को कथा का समापन होगा। 3 सितंबर को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उठो जागो, अपने लक्ष्य को प्राप्त करो। सफलता तुम्हारी प्रतिक्षा कर रही है। भूतकाल से सीख लो जीवन का कुछ सार। वर्तमान की नींव पर करो भविष्य तैयार।
जब वाणी मौन होती है, तो बुद्धि बोलती है। जब बुद्धि मौन होती है,तो मन बोलता है। जब मन मौन होता है,तो आत्मा बोलती है। जब आत्मा मौन होती है,तो परमात्मा बोलता है। यही ब्रह्म का साक्षात्कार है। उन्होंने मौन, सत्य, प्रिय, धर्मसंगत का व्याख्यान किया। बताया कि व्यर्थ बोलने की अपेक्षा मौन रहना तप है। यदि कभी बोलना भी पड़े तो, सत्य वचन कहना ही वाणी की विशेषता है। सत्य कहते समय भी शब्दों का चयन प्रिय लगे,यह वाणी की महानता है। किन्तु! प्रिय सत्यवचन बोलते समय भी,मनुष्य की वाणी धर्मग्रन्थों के अनुसार धर्मसंगत हो, तो- यह वाणी का अखण्ड़ स्वाभिमान है। इस अवसर पर गांव से काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर धर्म लाभ कमाया।
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