Karanji : जानिए करंजी बनाने के टिप्स

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Karanji : आज से गणेश उत्सव शुरू हो गया है, ऐसे में हर तरफ गणपति बप्पा के फेवरेट व्यंजन बनाने पर जोर दिया जाता है। महाराष्ट्र में गणपति बप्पा के लिए एक से एक बेहतरीन स्ट्रीट फूड्स और पारंपरिक भोजन मिलते हैं, जिसे खूब पसंद किया जाता है। यहां पर आपको गुजराती, दक्षिण भारत, मध्य भारत, नार्थईस्ट जैसे कई प्रांतों का भोजन आसानी से मिल जाएगा।

ऐसे ही यहां पर प्रसाद के तौर पर ज्यादा करंजी मिठाई जाती है। बता दें करंजी एक लोकप्रिय भारतीय मिठाई है जो खास तौर से महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत में त्योहारों और खास अवसरों पर बनाई जाती है। इसे उत्तर भारत में गुजिया के नाम से भी जाना जाता है।

करंजी एक प्रकार का मीठा पकवान है, जिसमें पतली मैदे की परत के अंदर नारियल, खसखस, सूखे मेवे, और चीनी से तैयार की गई मिठास भरी जाती है। मगर हर कोई इसे परफेक्ट तरीके से नहीं बना पाता। अगर आप भी करंंजी को सही तरीके से नहीं बना पाते, तो हमारे बताए गए टिप्स मददगार साबित हो सकते हैं।

आटे का सही मिश्रण रखें

करंजी की पतली और कुरकुरी परत के लिए आटे का सही मिश्रण जरूरी है। इसे बनाने के लिए आप मैदा का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही, आटा बनाते वक्त आपको इसमें एक चुटकी नमक और 2-3 चम्मच घी भी इस्तेमाल करना होगा। इन सामग्रियों को डालकर अच्छी तरह से मसलें।

ऐसा करने से आटा मुलायम और खस्ता बनेगा। अगर इसके बाद भी करंजी सही तरह से नहीं बन पा रही हैं, तो बेहतर होगा कि आटे को पानी से गूंथने के बजाय दूध का इस्तेमाल करें। इससे करंजी अधिक मुलायम और स्वादिष्ट बनेंगी।

स्टफिंग सही तरह से बनाएं

आटे के साथ-साथ करंजीकी स्टफिंग पर भी ध्यान देना जरूरी है। अगर स्टफिंग सही तरह से नहीं बनेगी, तो करंजीफट जाएंगी। इसके लिए आप बारीक मावा का इस्तेमाल कर सकते हैं। नारियल, सूखे मेवे, खसखस और चीनी का इस्तेमाल करना होगा।

नारियल का स्वाद ताजगी भरा हुआ हो, इसके लिए ताजा और कसा हुआ नारियल ही इस्तेमाल करें। वहीं, करंजीका स्वाद बढ़ाने के लिए गुड़ को डालें। इससे न सिर्फ स्वाद बढ़ता है, बल्कि मिठास और गाढ़ापन भी अच्छा आएगा।

स्टफिंग में नमी का ध्यान रखें

स्टफिंग के स्वाद के साथ-साथ बनावट पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है। हमेशा करंजी के अंदर भरा जाने वाला मिश्रण सूखा होना चाहिए, ताकि तलते समय करंजीफटे नहीं। सूखे मेवे और नारियल को हल्का सा भून लें, ताकि इसमें से नमी निकल जाए और यह अधिक समय तक खराब न हो।

अगर स्टफिंग में ज्यादा घी, पानी या तेल हो गया है, तो तेज आंच पर लगातार चलाते हुए पका लें। इसके बाद स्टफिंग को फैलाकर रख दें, ताकि बची हुई नमी सूख जाए और करंजीबहुत ही आसानी से बन जाए।

बेलने की तकनीक पता होना चाहिए

करंजी सॉफ्ट होने के साथ-साथ पूरी तरह से पकी हुई हो। इसके लिए जरूरी है कि करंजी की लेयर को ठीक से बेलें। यह परत बहुत पतला न बेलें और न ही बहुत मोटा। सही मोटाई से करंजीअच्छी तरह से तलेगी और फटेगी नहीं। बेलते समय इस बात का ध्यान रखें कि आटा हर जगह समान रूप से फैला हो।

अगर बेलते वक्त आटा चिपकने लगे, तो थोड़ा-सा सूखा आटा या मैदा डाल दें। इसके बाद ही दोबारा बेलना शुरू करें, ताकि आपका वक्त खराब न हो और करंजी सही तरह से बन भी जाए।

सही तरह से बंद करें करंजी

करंजी के किनारों को सही से बंद करना बहुत जरूरी है, ताकि तलते वक्त ये फटे नहीं। इसके लिए किनारों पर थोड़ा पानी या दूध लगाकर अच्छी तरह से सील करें। किनारों को खूबसूरत बनाने के लिए मोड़ते वक्त आर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो न सिर्फ किनारों को मजबूत बनाता है, बल्कि सुंदरता भी बढ़ाता है।

तलने का तरीका बदलें

करंजी को हल्की आंच पर तलें, क्योंकि तेज आंच पर तलने से करंजीका बाहरी हिस्सा जल जाता है। साथ ही, अंदर का हिस्सा कच्चा रहता है, जिससे स्वाद और मेहनत दोनों खराब हो जाते हैं। इसलिए करंजीको बनाते वक्त हल्की आंच रखें और करंजी को सुनहरा होने तक फ्राई करें।

ऐसा करने से यह बिल्कुल ठीक तरह से पक भी जाती है। इसलिए करंजीफ्राई करते वक्त तेल के टेंप्रेचर का ध्यान रखें। इसके बाद तली हुई करंजीको एक बार ठंडा होने दें और फिर उन्हें एयरटाइट कंटेनर में रखें। इससे करंजीकी कुरकुराहट लंबे समय तक बनी रहेगी।

वहीं, करंजी को नमी से दूर रखें, क्योंकि नमी से उनकी कुरकुरा हट खत्म हो सकती है। आप चाहें तो करंजीमें थोड़ा सा इलायची पाउडर या जायफल पाउडर मिला सकते हैं। इससे स्वाद दोगुना बढ़ सकता है और आपको खाने में मजा भी आएगा।