कैथल : अग्निशमन सेवा एवं नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के कर्मचारी मुख्यमंत्री के निवास पर करेंगे प्रदर्शन

0
330

मनोज वर्मा, कैथल :
हरियाणा सरकार द्वारा अग्निशमन सेवा विभाग को राजस्व विभाग के अधीन करने की कड़ी निंदा करते हुए अग्निशमन सेवा कर्मचारी संघ सम्बद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान राजेन्द्र सिन्नद ने बताया कि, सरकार ने साजिश के तहत नगरपालिका और अग्निशमन सेवा विभाग के कर्मचारियों की एकता को तोडकर उनकी ताकत को कम करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में नगरपालिका व मार्किट कमेटी में लगे अग्निशमन विभाग में कार्यरत पे-रोल अनुबन्ध व ठेका प्रथा पर लगे फायरमैन चालकों व फायर आपरेटरों की समस्याओं को दूर करने की बजाए उनके रोजगार को छीनने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। विभाग को राजस्व के अधीन करने व अपनी लंबित पड़ी माँगो को पूरा करने के लिए प्रदेश भर के तमाम पे-रोल व अनुबंध के दमकल कर्मचारियों ने हजारों की संख्या में इक्ट्ठे होकर गत 8 अगस्त को अम्बाला कैंट में विशाल प्रदर्शन भी किया था और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री के निवास पर जाकर इसके लिए ज्ञापन भी दिया था। इसके बावजूद सरकार विभाग को अलग करने के लिए बार बार लैटर जारी कर रही है। जिसको संघ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा । इसके लिए नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर 12 सितम्बर को मुख्यमंत्री आवास करनाल में विशाल प्रदर्शन करने का फैसला भी लिया गया। जिसमें नगरपालिका और अग्निशमन विभाग के हजारों की संख्या में कर्मचारी भाग लेंगे और वहीं से आगामी निर्णायक आंदोलन की घोषणा होगी। जिसकी जिम्मेदारी मौजूदा सरकार की होगी।
कर्मचारियों की ये हैं मुख्य मांगें:
कोरोना बीमारी से कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार को 50 लाख रुपए आर्थिक सहायता व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, सभी दमकल कर्मियों को 4 हजार रुपये मासिक जोखिम भत्ता देने, 1366 पे-रोल फायरमैन चालक व अनुबन्ध पर लगे सभी फायर आपरेटर को 2268 फायर आपरेटर के पदों पर समायोजित करने, सभी ठेका व अनुबंध के दमकल कर्मियों को नियमों में छूट देकर पे-रोल पर करने, बन्द पड़े फायर स्टेशनों को दोबारा खोलने व उनसे निकाले गए दमकल कर्मियों को दोबारा डयूटी पर वापिस लेने, नियमित दमकल कर्मियों को बिना शर्त एसीपी व प्रमोशन बहाल करने, सभी पे-रोल अनुबन्ध के दमकल कर्मियों को नियमित करने व नियमित होने तक समान काम समान वेतन देने की मांग की गई है।

SHARE