करनाल: जसबीर ने जिला कारागार का किया औचक निरीक्षण

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प्रवीण वालिया, करनाल:
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-एवं-सचिव जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण करनाल सुश्री जसबीर ने मासिक निरीक्षण के लिए जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय जेल अधीक्षक अमित भादुए अशोक काम्बोज उपाधीक्षक उपस्थित थे।
सीजेएम ने विचाराधीन महिला कैदियों/कैदियों का व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से साक्षात्कार लिया तथा जेल प्रशासन से भी पूछताछ की। उन्होंने विचाराधीन महिला कैदियों/कैदियों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली जिसके संबंध में कोई मौखिक शिकायत नहीं थी। कैदियों को उनके अधिकारों के बारे में अवगत कराया गया और उनको बताया गया कि यदि उनके पास अपने केस को डिफेन्ड करने के लिए वकील नहीें है तो वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मुप्त वकील ले सकते हैं ताकि वे न्यायालय में उनके केस की पैरवी कर कसें। इसके अलावा जेल परिसर का भी निरीक्षण किया गया और सा्फ सुथरा पाया गया ।
कुछ विचाराधीन महिला कैदियों/कैदियों ने बताया कि परिवार के सदस्यों के साथ साक्षात्कार की अनुमति दी जानी चाहिए। इस संबंध में यह सुझाव दिया गया कि करनाल जिले की जिला स्तरीय निगरानी समिति की आगामी बैठक में इस मामले को उठाया जा सकता है। अधीक्षक जिला कारागार, करनाल अमित भादु ने बताया कि आज की स्थिति में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, करनाल एवं स्वास्थ्य विभाग करनाल के सहयोग से 18 वर्ष  अधिक आयु के सभी पात्र कैदियों/वचाराधीन कैदियों को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक का टीका लगाया गया है। अधीक्षक जिला कारागार को निर्देश दिया गया कि सभी कैदियों/विचाराधीन कैदियों का टीकाकरण सुनिश्चित करें और यदि कोई कैदी/विचाराधीन कैदी को अभी भी टीका नहीं लगाया गया है, जो टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के भीतर आता है, तो उसे स्वैच्छिकता के संबंध में चिकित्सा अधिकारी, कानूनी सहायता परामर्शदाता द्वारा उनकी सहमति से प्रमाणित करने के बाद टीका लगवाने की व्यवस्था करें। सीजेएम ने कैदियों को कोरोना वायरस की रोकथाम के आदर्श वाक्य से अवगत करायाए बीमारी को रोकें, मास्क पहनें, पास न जाएं, अपनी नाक को ढकें ताकि कोविड जागरूकता के साथ-साथ कोविड राहत गतिविधियों को बढ़ाया जा सके।
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