जम्मू। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने के पहले चार अगस्त को जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला सहित कई नेताओं को नजरबंद किया गया थ। उन पर पीएसए कानून के तहत कार्रवाई की गई थी। आज उनकी रिहाई के आदेश जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने दिए। जिसके बाद वह अपने घर के बाहर आए और मीडिया से बातचीत की। उन्होंने मीडिया के सामने आकर कहा कि मैं अभी कोई भी राजनीतिक बात नहीं करूंगा। आज मुझे आजादी मिली है। मेरे पास शब्द नहीं हैं। आज मैं आजाद हूं। अगर मुझे अनुमति मिली तो मैं संसद जाऊंगा और आवाम की आवाज को संसद में रखूंगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं उन सभी सांसदों का धन्यवाद करता हूं जो मेरी रिहाई के लिए लड़े। उन्होंने साथ ही अन्य नेताओं की रिहाई की भी बात कही। उन्होंने कहा कि अन्य लोगों को भी रिहा करना चाहिए। यह आजादी तब तक पूरी नहीं है जब तक हमारे सारे नेता आजाद नहीं होते। हमारे लोग आजाद नहीं होता हैं। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार सभी लोगों को रिहा करने के लिए कार्रवाई करेगी। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के उपर से पीएसए कानून हटा लिया गया है। हालांकि वह अब भी अपने घर में ही नजरबंद रहेंगे। यह किस अवधि तक के लिए होगा इसकी जानकारी अब तक नहीं मिली है। जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव(योजना) रोहित कंसल ने जानकारी दी है कि सरकार ने फारुक अब्दुल्ला के ऊपर से पीएसए कानून के प्रतिबंध हटाने के आदेश जारी किए हैं। फारुक अब्दुल्ला ने अपनी आजादी के बाद मुख्यत: उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती का नाम लिया कि उन्हें भी आजाद किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि अन्य जितने भी नेता जम्मू-कश्मीर में या बाहर नजरबंद किए गए हैं उन्हें आजादी मिलनी चाहिए।
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