जैक का आरोप: वादों से पलटे मंत्री, दलित विद्यार्थियों से धोखा

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Punjab Government
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अखिलेश बंसल, बरनाला/बठिंडा: वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल और ग्रुप आफ मिनिस्टर्स की टीम जैक के साथ किये वादों से पलट गई है। जिससे पिछले लंबे समय से चल रहे पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप विवाद फिर से गहरा गया है। जिसका सारा नुकसान दलित विद्यार्थियों को होगा। यह बात ज्वाइंट एसोसिएशन आफ कॉलेजिज (जैक) ने कही है। गौरतलब है कि यह संस्था पंजाब के 1650 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व कर रही है। जैक अध्यक्ष डा. जगजीत सिंह धुरी ने बताया है कि पंजाब सरकार की ओर से 2017—18 सेशन से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए पोर्टल तो खोला गया परंतु किसी भी दलित विद्यार्थी के वजीफे तहत कोई भी राशि जारी नहीं की गई। जिसको लेकर जैक का प्रतिनिधिमंडल की प्रदेश के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को 11.6.2021 को मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में सेशन 2016 से 2020 तक की पहले की बनती बकाया राशि 1614 करोड़ के भुगतान करने से संबंधित चर्चा हुई थी। उस वक्त पंजाब सरकार ने अपने आर्थिक हालातों का हवाला देते जैक से सहयोग करने और स्कॉलरशिप की राशि का 40 प्रतिशत पंजाब सरकार द्वारा भुगतान करने और बाकी 60 प्रतिशत राशि केंद्र से जल्द जारी करवाने का वादा किया था।

जैक के चेयरमैन डॉ. गुरमीत सिंह धालीवाल ने बताया है कि जैक संस्था को सामाजिक न्याय, अधिकार और अल्पसंख्यक विभाग पंजाब द्वारा दलित विरोधी पत्र भेजा गया, जिसमें लिखा है कि कॉलेज पंजाब सरकार से कभी भी बकाया 60 प्रतिशत राशि नहीं मांगेंगे (जिसमें दलित विद्यार्थियों के मेंटेनेंस फंड भी शामिल है) और सेशन 2017—2020 तक की फीस से संबंधित अदालती केस वापस लेकर इस संबन्धित अंडरटेकिंग देंगे। पत्र में विभाग ने यह भी लिखा है कि फीसों के दावा फीस कैपिंग 26.12.2012 की नोटिफिकेशन के अनुकूल ही होंगे, जबकि इसके विपरीत हुआ था। जैक के वाइस चेयरमैन डा अंशु कटारिया ने बताया कि सरकार ने विद्यार्थियों के भविष्य बचाने के लिए मेहनत कर रही जैक संस्था के साथ वादा मुकरी है जिससे दलित विद्यार्थियों को धोखे का शिकार होना पड़ा है। अब दलित विद्यार्थियों को इन्साफ दिलाने संस्था नेशनल एस.सी. कमीशन का दरवाजा खटखटाएगी। जिसमें वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और साधु सिंह धरमसोत, तृप्त राजिंदर बाजवा, चरणजीत सिंह चन्नी को पार्टी बनाया जाएगा जो अपने किये वादों से पलट गए हैं। यदि भविष्य में दलित विद्यार्थियें को परीक्षाओं या डिग्रियां हासिल करने में कोई मुश्किल आयी तो पंजाब सरकार जिम्मेदार होगी।
इन सेशन की है बकाया राषि:
साल/सेशन : बकाया राषि
2016-17 : 65 करोड़ रुपए
2017-18 : 620.13 करोड़ रुपए
2018-19 : 499.99 करोड़ रुपए
2019-20 : 428.94 करोड़ रुपए
कुल राशि : 1614.06 करोड़ रुपए

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