अफगानिस्तान में भारत-चीन और ईरान के दूतावास पर ISIL-K ने दी हमले की धमकी, UN की इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा

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ISIL-K Terrorist Threat

आज समाज डिजिटल, ISIL-K Terrorist Threat : अफगानिस्तान में भारत-चीन और ईरान के दूतावास पर इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड खोरासान (ISIL-K) ने आतंकी हमले की धमकी दी है। IS ने तालिबान से संयुक्त राष्ट्र के इन सदस्य देशों से रिश्तों को खत्म करने की भी मांग की है। इस बात का खुलासा यूएन की रिपोर्ट में हुआ है। (India embassies in Afghanistan)

अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए ISIL (दाएश) द्वारा पेश किए जाने वाले खतरे और इस खतरे का मुकाबला करने में सदस्य देशों की मदद के संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों पर महासचिव की 16वीं रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ISIL-K मध्य एवं दक्षिण एशिया में बड़ा आतंकवादी खतरा है और अपने बाह्य अभियानों को अंजाम देने की समूह की मंशा बरकरार है।” सुरक्षा परिषद बृहस्पतिवार को ‘आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे’ पर एक बैठक आयोजित करेगी। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद-विरोधी कार्यालय के अवर महासचिव व्लादिमीर वोरोनकोव पिछले सप्ताह जारी यह रिपोर्ट पेश करेंगे।

UN की रिपोर्ट (UN report on ISIL-K) में कहा गया है कि ISIL-K ने खुद को तालिबान के ‘‘प्राथमिक प्रतिद्वंद्वी” के रूप में स्थापित किया और वह कथित रूप से यह दिखाना चाहता है कि तालिबान देश में सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं है। इसमें कहा गया है, ‘‘आईएसआईएल-के विभिन्न राजनयिक मिशन को निशाना बनाकर तालिबान और क्षेत्र के सदस्य देशों के बीच संबंधों को कमजोर करना चाहता था।”

ISIL-K Terrorist Threat

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समूह ने अफगानिस्तान में चीन, भारत और ईरान के दूतावासों पर आतंकवादी हमले की भी धमकी दी थी।” भारत ने अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद मिशन से अपने अधिकारियों को वापस बुला लिया था।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सितंबर 2021 में काबुल में रूसी दूतावास पर हुआ हमला अफगानिस्तान में राजनयिक उपस्थिति के खिलाफ पहला हमला था। इसके बाद दिसंबर में ISIL-K ने दावा किया था कि उसने पाकिस्तान के दूतावास और चीनी नागरिकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक होटल पर हमला किया।

ISIL-K के पास 1000-3000 लड़ाके (ISIL-K Terrorist Threat )

यूएन का दावा है कि ISIL-K के पास 1000-3000 लड़ाके हैं। इनमें से करीब 200 सेंट्रल एशिया में हैं। हालांकि, कुछ देशों का मानना है कि यह संख्या 6000 तक है। इसके अलावा ISIL-K वॉयस ऑफ खोरासन के द्वारा पश्तो, फारसी, ताजिक, उज़्बेक और रूसी भाषाओं में प्रोपेगेंडा करता है, ताकि स्थानीय युवाओं को इसमें भर्ती किया जा सके।

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