खेलते कूदते बच्चे ही अच्छे, मायूस बच्चा चिंता का विषय International Childhood Cancer Day

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International Childhood Cancer Day

International Childhood Cancer Day

संजीव कौशिक, रोहतक:
International Childhood Cancer Day : बच्चे मासूम होते हैं और वे खेलकूद करते हुए बहुत अच्छे लगते हैं, यदि बच्चा एक जगह मायूस होकर बैठा रहे तो वह चिंता का विषय बन सकता है। मासूमों का बिमार होना मां-बाप को परेशानी मे डाल देता है। कैंसर भी एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही लोग कांप उठते हैं, परंतु अब कैंसर लाइलाज नहीं है, बशर्ते समय पर इसका इलाज करवाया जाए।

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चाइल्डहुड कैंसर अवेयरनेस दिवस मनाया (International Childhood Cancer Day)

यह कहना है पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना का। वें मंगलवार को वार्ड 14-15 में शिशु रोग विभाग द्वारा कैनकिडस किडसकैन संस्था के सहयोग से मनाए जा रहे चाइल्डहुड कैंसर अवेयरनेस दिवस के अवसर पर मुख्यअतिथि के तौर पर उपस्थित हुई थीं। डॉ. अनिता सक्सेना ने कहा कि मीडिया को अब देश मे अधिक से अधिक जागरूकता फैलानी होगी कि कैंसर लाइलाज नहीं है और समय पर इलाज लेकर इसे जड़ से खत्म तक किया जा सकता है।

कैंसर के डर को दिल से निकालना जरूरी (International Childhood Cancer Day)

उन्होंने कहा कि हमें कैंसर को लेकर दिमाग मे फैली दहशत को दिमाग से निकालना होगा। कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना ने संस्थान में कैंसर के मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली पैट स्कैन को बहुत जल्द शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डॉ. अल्का यादव व उनकी टीम बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं, जिसके लिए वें बधाई की पात्र हैं। निदेशक डॉ. एस.एस. लोहचब ने कहा कि एक ऐसी बीमारी जिसको सुनकर सबको घबराहट होती है, (International Childhood Cancer Day)ऐसी बीमारी को यहां आए बच्चों व उनके मां-बाप ने हराया है, जिसके लिए वें उन्हें सलाम करते हैं और इन बच्चों का इलाज करने वाले चिकित्सकों को भी वें बधाई देते हैं, जिनकी वजह से आज इन बच्चों को नया जीवनदान मिला है।

कैंसर के लक्ष्णों को हल्के में न लें (International Childhood Cancer Day Kab Banaya Jaata hai)

डॉ. लोहचब ने कहा कि हमें कैंसर के लक्षणों को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए और जल्द से जल्द अच्छे चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ईश्वर सिंह ने कहा कि संस्थान ऐसे मरीजों की सेवा के लिए हरसंभव मदद उपलब्ध करवा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें सकारात्मक सोच रखते हुए इलाज करवाना चाहिए क्योंकि कैंसर के दोबारा होने पर भी उसे ठीक किया जा सकता है। (International Childhood Cancer Day ) डॉ. कुंदन मित्तल ने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि बच्चों के पास बिल्कुल भी ध्रूमपान ना करें और बच्चों को ताजा खाना ही खिलाएं। (Cancer Symptom) डॉ. अल्का ने कहा कि जहां बड़ों मे कैंसर होने की संभावना बहुत ज्यादा है,वहीं बच्चों मे यह संभावना 3 से 5 प्रतिशत ही है और इलाज की सफलता दर भी 90 प्रतिशत है।

ये लोग रहे मौजूद (International Childhood Cancer Day)

इस अवसर पर डॉ. एन.डी. वासवानी, डॉक्टर आलोक, डॉ कपिल, डॉ वीरेंद्र, डॉक्टर अंजली, डॉक्टर नेहा व विभाग के पीजी छात्र तथा कैनकिडस के सदस्य भी उपस्थित थे।

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