रोहतक : इनसो ने किया प्रदर्शन

0
253
pardarshan
pardarshan

सोनू भारद्वाज, रोहतक :
रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर की परीक्षाएं 1 सितंबर से शुरू होनी है। लेकिन अब इनसो छात्र इकाई ने इन परीक्षाओं का विरोध कर दिया है। इनसो का कहना है कि कोविड-19 के चलते पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ है। इसलिए या तो परीक्षा पद्धति में बदलाव किया जाए या फिर इन विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रमोट कर दिया जाए। इसी मांग को लेकर इन्होंने वाइस चांसलर कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की और आखिर वाइस चांसलर कार्यालय की परिधि में घुसकर हंगामा किया। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएंगे वह इसी तरीके से विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे।
इनसो के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक मलिक का कहना है कि कोविड के चलते हैं लगभग सभी कालेज में पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाया है और यही नहीं पिछले 10 दिन से प्रैक्टिकल के परीक्षाएं चल रही हैं और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने 1 सितंबर से स्नातकोत्तर की परीक्षाएं लेने का शैड्यूल जारी कर दिया है। जिसकी वजह से विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी नहीं कर पा रहे। ऐसे में विश्वविद्यालय को चाहिए कि विद्यार्थियों को राहत दी जाए या तो परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया जाना चाहिए। अन्यथा यूजीसी की गाइडलाइन के तहत विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रमोट कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि वे इससे पहले भी विश्वविद्यालय के उपकुलपति से इस मामले में मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलता और आज भी प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे हैं, लेकिन उपकुलपति विश्वविद्यालय में मौजूद ही नहीं है। वह अन्य किसी अधिकारी से बात नहीं करना चाहते और इस मामले में उपकुलपति को सामने आकर आश्वासन देना होगा। अगर विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए उनकी मांगे नहीं मानी गई, तो उनका यह आंदोलन और विरोध प्रदर्शन इसी तरह से चलता रहेगा और जब तक विश्वविद्यालय छात्रों के हित में फैसला नहीं लेता, तब तक वे चैन से बैठने वाले नहीं हैं।
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार गुलशन तनेजा ने इन विद्यार्थियों की बात सुनी और जिसके बाद उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है कि किसी कॉलेज में पाठ्यक्रम को पूरा ना किया गया हो। लेकिन अगर फिर भी कहीं से इस तरह की लिखित शिकायत आती है तो वे परीक्षा स्थगित कर सकते हैं। लेकिन सबसे पहले तथ्यों सहित लिखित में शिकायत देनी होगी, जो अभी तक उन्हें नहीं मिली है।

SHARE