Azadi march against Imran Khan’s government, Karanwa reached Islamabad: इमरान खान की सरकार के खिलाफ आजादी मार्च, कारंवा इस्लामाबाद पहुंचा

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इमरान खान की सत्ता हिलती नजर आ रही है। इमरान खान की सरकार मात्र चौदह महीने पुरानी है लेकिन लोगों का गुस्सा इमरान सरकार के प्रति बहुत ज्यादा है। वहां इमरान सरकार के खिलाफ विपक्ष आजादी मार्च निकाल रहा है। इसकी अगुवाई मौलाना फजलुर रहमान कर रहे हैं जो जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के अध्यक्ष हैं। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पाकिस्तान का सबसे बड़ा धार्मिक संगठन है। इस मार्च की शुरूआत कराची के सोहराब गोथ से 27 अक्तबूर को हुई थी। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) समेत विपक्षी दलों के समर्थक भी सरकार विरोधी इस प्रदर्शन में शामिल हो गए। यहां प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इमरान खान एक कठपुतली हैं और राष्ट्र अपना सिर एक चयनित प्रधानमंत्री और उसका चयन करने वालों के सामने झुकाने के लिए तैयार नहीं हैं। रहमान ने एक ट्वीट में सभी प्रदर्शनकारियों और विपक्षी नेताओं को उनके समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि यह रैली अब शुक्रवार की प्रार्थना के बाद शुरू होगी और सभी वरिष्ठ विपक्षी नेता इसमें मौजूद होंगे। इस बीच पाकिस्तानी अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये हैं। मुख्य मार्गों को पूरी तरह या आंशिक तौर पर बंद कर दिया गया है। प्रदर्शन से इमरान की सत्ता हिलती नजर आई। क्योंकि सरकार ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सेना को तैनात किया। वहीं सेना ने हाईवे पर शिपिंग कंटेनर बिछा दिए, ताकि प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद न पहुंच पाएं। लोगों का मानना है कि एक साल पहले बनी सरकार के खिलाफ इतना बड़ा आंदोलन अप्रत्याशित है। सरकार विरोधी यह रैली पहले गुरुवार को होने वाली थी लेकिन लाहौर रेल त्रासदी की वजह से इसे एक दिन के लिए रोक दिया गया। इस त्रासदी में कम से कम 74 लोगों की मौत हुई है। दक्षिणपंथी जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने इमरान पर 2018 के आम चुनावों में ह्यधांधलीह्ण करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग की है।

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